नदी जोड़ो अभियान के तहत रैली फॉर रिवर्स यात्रा आज गुलाबी नगरी पहुंच गई। जयपुर में नदी अभियान रैली के इस कार्यक्रम का आयोजन सीतापुरा स्थित जेईसीसी में हुआ। यहां ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव कार्यक्रम में पहुंचे। इस कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। मुख्यमंत्री के साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ तथा नदी बेसिन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्रीराम वेदिरे भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। गुरूवार को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे सदगुरू ने जल संकट पर अपनी गहरी चिंता जताते हुए कहा कि जल संकट देशभर में तबाही मचा रहा है। नदियां सूख रही हैं और अब हम खतरे के कगार पर खड़े हैं। आपको बता दें कि यह रैली कन्याकुमारी, मदुरई, तिरुअनंतपुरम, त्रिची, पुदुचेरी, मैसूर, बेंगलूरु, चेन्नई, विजयवाड़ा, हैदराबाद, मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल और लखनऊ होती हुई यहां पहुंची है। खास बात यह है कि सद्गुरु खुद गाड़ी चलाकर कन्याकुमारी से हिमालय तक की यात्रा कर रहे हैं। यह अभियान रैली आज ही जयपुर से रवाना होकर अलवर के शाहजहांपुर पहुंचेगी।
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कार्यक्रम में उपस्थित सैंकड़ों की संख्या में लोगों को संबोधित करते हुए सदगुरू ने कहा कि नदियों को बचाना हमारी अगली पीढ़ी के लिए जरूरी हो गया है। सदियों से हमारी नदियां बह रहीं थीं लेकिन हमने एक पीढ़ी में इन्हें बर्बाद कर दिया है। गंगा से लेकर कावेरी तक देश की सभी 30 महानदियों पर खतरा मंडरा रहा है। जंगल नष्ट होते जा रहे हैं। यदि अगले 25 साल में हमने कोशिश नहीं कि तो नदियां सिर्फ नाम की रह जाएंगी। नदियों को बचाने की मुहिम मैंने शुरू कर दी है। इसलिए कार चलाकर पूरे देश का दौरा कर रहा हूं और लोगों को साथ आने की अपील कर रहा हूं। यदि हमें जल संकट से उबरना है तो नदी बचाने के लिए सबको आगे आना होगा। उन्होंने उपस्थित गणमान्य लोगों से 8000980009 पर मिस्ड कॉल देकर अभियान से जुड़ने की अपील की।
आने वाले समय में नहीं फैलाने पड़ेंगे पानी के लिए हाथ: राजे
मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थिति वसुन्धरा राजे ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में राज्या के लोगों को पानी के लिए दूसरे राज्यों के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कालीसिंध, चाकन, बनास और पार्वती जैसी नदियों को आपस में जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है जिसका लाभ राज्य के 13 जिलों को मिलेगा। सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने की योजना पर भी काम चल रहा है। जल संकट को दूर करने के लिए ही मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान शुरू किया गया है जिसमें वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए दो साल में ढाई लाख स्ट्रक्चर बनाने का लक्ष्य है। सीएम ने घोषणा की कि नदियों के संरक्षण के प्रति राज्यभर में चेतना फैलाने के लिए 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर सभी ग्राफ पंचायतों में विशेष ग्रामसभाएं बुलाकर जल और नदियों के संरक्षण की प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री व सदगुरू ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान (एमजेएसए) पुस्तिका का विमोचन भी किया।
क्या है नदी अभियान
सदगुरू के नेतृत्व में 9 जुलाई, 2017 से सूख रही नदियों के प्रति जन को जागरूक करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। नदी अभियान कोई धरना या विरोध प्रदर्शन नहीं है। यह अभियान इस जागरूकता को फैलाने के लिए है कि हमारी नदियां सूख रही हैं। ऊंचा नंगला में राज्य सरकार एवं ईशा फाउन्डेशन के संयुक्त प्रावधान में यह जल जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सद्गुरु जागरूकता फैलाने के लिए खुद सदगुरू कन्याकुमारी से हिमालय तक गाड़ी चलाकर जा रहे हैं। यह 30 दिवसीय 7000 किमी की यात्रा 16 राज्यों से होकर गुजरेगी और 2 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में जाकर खत्म होगी। इस अभियान से जुड़ने के लिए मिस्ड कॉल अलर्ट का सहारा लिया जा रहा है जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
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