राजस्थान में मंदिर माफी भूमि मामले में पुजारियों (मंदिर में पूजा करने वाला) को राज्य सरकार जल्द ही बड़ी राहत प्रदान कर सकती है। मुख्यममंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को इस मामले को लेकर हुई बैठक के बाद इस बारे में सकारात्मक संकेत मिले हैं। राजे सरकार अब जल्द ही इसकी घोषणा कर सकती हैं। मंदिर माफी भूमि नियमन मामले को लेकर सीएम राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को अहम बैठक हुई। 8, सिविल लाइंस पर हुई इस बैठक में यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी, मंत्री राजकुमार रिणवां और अमराराम समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक में मंदिर माफी भूमि को लेकर पुजारियों की समस्याओं समेत अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी।
मुख्यमंत्री राजे चाहती है कि मंदिरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहें
बैठक के बाद यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने मंदिर माफी भूमि मामले को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं। मंत्री क़ृपलानी ने बताया कि बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की मंशा है कि मंदिरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहें, साथ ही पूजन समेत सभी काम समयबद्ध तरीके से हों। इस बैठक्मा के बाद माना जा रहा है कि सीएम राजे अब जल्द ही एक बड़े कार्यक्रम में इस संबंध में बड़ी घोषणा कर सकती हैं। गौरतलब है कि पुजारियों का राजस्व रिकॉर्ड से नाम हटने से मंदिर भूमियों पर अतिक्रमण होने लगे थे और पुजारियों को इस मामले में वाद तक लाने का अधिकार समाप्त हो गया था। साथ ही किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी-अनुदान की सुविधा का लाभ भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। बहरहाल, अब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से मिले सकारात्मक संकेत के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि राजे सरकार पुजारियों को जल्द ही बड़ी राहत दे सकती है।
Read More: राजस्थान: पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में उप-चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित
प्रदेश के पुजारियों की मंदिर माफी भूमि को लेकर यह हैं प्रमुख मांगें..
- राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर भूमि में खातेदार के कॉलम में पुजारी का नाम दर्ज किया जाए।
- मंदिर भूमि पर बिजली और पानी का कनेक्शन लेने का अधिकार दिया जाए।
- किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ पुजारियों को भी दिया जाए।
- पुजारियों को फसल खराबे पर मुआवजा भी मिल सके।
- पुजारियों को मंदिर भूमि पर बैंक से कर्ज लेने का अधिकार प्राप्त हो।
- भूमि पर वाद लाने का अधिकार मिले।
- पुजारी बोर्ड का गठन किया जाए।
- उनकी सूचना के बिना किसी भी ट्रस्ट का गठन ना किया जाए।