राजस्थान आईटी-डे पर राज-नेट का लोकार्पण
श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारा सपना है कि राजस्थान उतर भारत में स्टार्टअप, इंक्यूबेशन और इंटरप्रिन्यूरशिप का हब बने। इंक्यूबेशन सेंटर जैसे प्लेटफार्म नये विचार और नवाचारों को जन्म देते हैं। आज हम ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं, जहां नई पीढ़ी अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए देश, प्रदेश और दुनिया के किसी भी कोने से जुड़ना चाहती है। इसलिए हम पूरे राजस्थान में ऐसे केन्द्र खोलना चाहते हैं, जहां उनके सपने पूरे हो सकें।
श्रीमती राजे सोमवार को खचाखच भरे बिड़ला आॅडिटोरियम में राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था जब आईटी सेक्टर के लोग राजस्थान में कार्य करने में हिचकिचाते थे, लेकिन आज वही प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश में अग्रणी बन रहा है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे नवीनतम तकनीक से जुड़ें, अपना कौशल विकास करें तथा समाज के हित में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रतिभावान युवाओं को प्रोत्साहन की जरूरत है। सूचना तकनीक पर आधारित स्टार्टअप्स और नवाचारों के बिजनेस माॅडल इन युवाओं की राह देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मल्टी-मोड राज्य-स्तरीय वाइड एरिया नेटवर्क ’राज-नेट’ का लोकार्पण किया। इस नेटवर्क के माध्यम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों को राजधानी से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में ई-गवर्नेंस की दिशा में राज्य सरकार की यह पहल मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है। श्रीमती राजे ने कहा कि हमारा मिशन सबकी साझेदारी से काम करने का है, क्योंकि मेरा मानना है कि जो काम सरकार अकेले नहीं कर सकती, उसे सबका साथ लेकर बेहतर तरीके से किया जा सकता है।
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य की प्रत्येक पुलिस रेंज में साइबर अपराध इकाई गठित की जायेगी। आईटी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के राज्य सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2015 से प्रदेश में आईटी सेक्टर में निवेश, आईटी आधारित सेवाओं तथा इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डिजाइन एण्ड मेन्यूफेक्चरिंग (ईएसडीएम) को प्रोत्साहन मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें स्मार्ट सिटी और स्मार्ट ग्रिड की अवधारणा को साकार करना है, तो हमें स्मार्ट सिटीजन बनना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को आईटी की मशाल दूर-दराज के गांवों तक ले जाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक ने लोगों के जीवन बदलाव लाना शुरू कर दिया है। राशन की दुकानों में पीओएस मशीन, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से पेंशन वितरण, ई-मित्र आदि सेवाओं के विस्तार से लोगों का जीवन आसान बन रहा है। एकीकृत वित्त प्रबंधन व्यवस्था (आईएफएमएस) के माध्यम से विभिन्न विभागों के बीच वित्तीय सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हो गया है। उन्होंने सम्पर्क पोर्टल सहित राज्य के अन्य विभागों में सूचना तकनीक के बढ़ते सफल उपयोग का भी जिक्र किया।
श्रीमती राजे ने राज-नेट के लोकार्पण के बाद इसके जरिए विभिन्न जिलों में ई-मित्र केन्द्र संचालकों से वीडियो काॅन्फ्रेंस भी की। उन्होंने बारां, चित्तोड़गढ़, चूरू, भरतपुर, राजसमंद, सिरोही तथा उदयपुर आदि जिलों में ई-मित्र संचालकों से उनके केन्द्र पर दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली तथा उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न सेवाओं की आमजन तक पहुंच सुलभ बनाने के लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी पुरस्कार भी प्रदान किए। इसके बाद उन्होंने स्टार्टअप प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, प्राइम सिग्मा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शरद शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पीएस मेहरा, प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्रीमती वीनू गुप्ता, शासन सचिव आईटी श्री अखिल अरोड़ा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, गणमान्यजन तथा बड़ी संख्या में युवा उद्यमी उपस्थित थे।
जयपुर, 21 मार्च 2016