प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक (लेवल प्रथम) भर्ती में नियुक्ति का इंतजार कर रहे बड़ी संख्या में युवा बेरोजगारों की खुशी कांग्रेस से बर्दाश्त नहीं हो सकी। युवा हितैषी होने का ढोंग करने वाली कांग्रेस का असली चेहरा बाहर आ गया। दरअसल, कांग्रेस ने साढ़े 17 लाख युवाओं की मेहनत और उनके भविष्य से खिलवाड़ का काम करते हुए REET लेवल प्रथम की 26,000 भर्तियों पर रोक लगवा दी है। इसे देखकर लगता है कि कांग्रेस युवा हितैषी नहीं बल्कि युवा विरोधी है। इसी बीच तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के मामले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश में लंबित चल रही भर्तियों के मामले में बीजेपी प्रवक्ता त्रिवेदी ने कांग्रेस से सवाल किया कि कांग्रेस क्यों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले में कोर्ट का क्लीयरेंस मिलने के बाद फिर से कोर्ट में अटकाने का काम किया है।
फरवरी में ही मामले में प्रक्रिया पूरी हो गई थी, सिर्फ नियुक्ति पत्र देना था बाकी
बीजेपी प्रवक्ता त्रिवेदी ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक (लेवल प्रथम) भर्ती 2018 मामले में प्रक्रिया फरवरी में ही पूरी हो गई थी, अब सिर्फ नियुक्ति पत्र देना बाकी बचा था। लेकिन उसे फिर से कांग्रेस द्वारा अटकाया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के 26,000 युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना चाहती है। कांग्रेस को बीजेपी सरकार के तीन माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को लेकर जलन हो रही है। बता दें, अध्यापक भर्ती पर कांग्रेस के विधि विभाग के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने 16 अक्टूबर को निर्वाचन विभाग को एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए नियुक्तियों पर रोक लगाने का आग्रह किया था। जिससे 26,000 युवाओं की नियुक्ति पर तलवार लटक गई है।
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तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति में कांग्रेस बनीं रोड़ा
गौरतलब है कि 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे ने प्रदेश में सुराज संकल्प यात्रा निकाली थी। इस दौरान अपने घोषणा पत्र में राजे ने 15 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही थी। सुराज संकल्प के वादे को निभाते हुए 15 लाख युवाओं को रोज़गार देने के क्रम में वसुंधरा सरकार ने 54,000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर फरवरी 2018 में परीक्षा आयोजित करवाई और अप्रैल 2018 तक इसका परिणाम भी घोषित कर दिया। अब बारी थी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की। लेकिन अब कांग्रेस की शिकायतों के कारण हजारों युवाओं को नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। राज्य चुनाव आयोग को लिखे पत्र से पहले कांग्रेस इस भर्ती को दो बार कोर्ट में ले जा चुकी है।