वित्त वर्ष बजट में प्रदेश के करीब 30 लाख किसानों का ऐतिहासिक फसली कर्ज माफ करने वाली वर्तमान वसुंधरा राजे सरकार ने खरीफ सीजन के लिए अब तक सात हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण वितरित कर दिया है। इससे पहले हाल ही में राजे सरकार की फसली ऋण माफी योजना के तहत प्रदेश में प्रति किसान 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ किया गया था। जिससे राज्य सरकार पर करीब 8000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आया है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने गुरूवार को बताया कि केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को खरीफ सीजन में 21 अगस्त तक 7 हजार 254 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण वितरित किया जा चुका है और किसानों के आवेदन के आधार पर ऋण स्वीकृत करने की प्रक्रिया लगातार जारी है।
प्रदेश के सभी जिलों में अब तक इस प्रकार किया गया नया फसली ऋण वितरित
सहकारिता मंत्री किलक ने बताया कि जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बाड़मेर द्वारा 614.04 करोड़ रुपए, श्रीगंगानगर द्वारा 590.13 करोड़ रुपए, हनुमानगढ़ द्वारा 508.01 करोड़ रुपए, जोधपुर द्वारा 419.17 करोड़ रुपए, जयपुर द्वारा 418.24 करोड़ रुपए, पाली द्वारा 387.80 करोड़ रुपए, जालोर द्वारा 372.52 करोड़ रुपए, सीकर द्वारा 347.11 करोड़ रुपए, झालावाड़ द्वारा 342.47 करोड़ रुपए, भीलवाड़ा द्वारा 324.21 करोड़ रुपए, कोटा द्वारा 315.22 करोड़ रुपए, झुंझुनूं द्वारा 308.89 करोड़ रुपए एवं चित्तौडगढ़ द्वारा 275.25 करोड़ रूपये का खरीफ सीजन का फसली ऋण वितरण किया गया है।
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इसी प्रकार जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक अलवर द्वारा 245.15 करोड़ रुपए, बीकानेर द्वारा 205.59 करोड़ रुपए, बारां द्वारा 189.45 करोड़ रुपए, बूंदी द्वारा 188 करोड़ रुपए, अजमेर द्वारा 184 करोड़ रुपए, नागौर द्वारा 168.12 करोड़ रुपए, जैसलमेर द्वारा 153.87 करोड़ रुपए, भरतपुर द्वारा 127.44 करोड़ रुपए, सिरोही द्वारा 107.92 करोड़ रुपए, चुरू द्वारा 97.15 करोड़ रुपए, उदयपुर द्वारा 93.44 करोड़ रुपए, दौसा द्वारा 85.13 करोड़ रुपए, सवाई माधोपुर द्वारा 83.63 करोड़ रुपए, बांसवाड़ा द्वारा 49.87 करोड़ रुपए, टोंक द्वारा 33.52 करोड़ रुपए और डूंगरपुर द्वारा 19.26 करोड़ रुपए का खरीफ सीजन का फसली ऋण वितरण किया गया है।