मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली वर्तमान राजस्थान सरकार ने निजी स्कूलों को स्थाई मान्यता और क्रमोन्नति को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। दरअसल, शिक्षा विभाग ने अब सत्र 2017-18 एवं 2018-19 के लंबित प्राइवेट स्कूलों की अस्थाई मान्यता एवं क्रमोन्नति आवेदन पत्रों को आगे बढ़ाने के लिए एक शर्त रखी है। शिक्षा विभाग की इस शर्त के अनुसार, वे अपने भू रूपान्तरण आवेदनपत्र 2019-20 से पूर्व सक्षम अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत कर भू-रूपान्तरण हर हाल में करवा लेंगे।
छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया निर्णय: शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी
राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐसे विद्यालयों के संचालन के लिए सशर्त मान्यता अथवा क्रमोन्नति का निर्णय लिया है। मंत्री ने बताया कि जिन आवेदकों ने सत्र 2017-18 में मान्यता या क्रमोन्नति के लिए आवेदन किया है तथा भूमि रूपान्तरण की शर्त के कारण उनकी मान्यता या क्रमोन्नति नहीं दी जा सकी है तथा अन्य मापदंड वे पूर्ण करते हैं तो उन्हें 2 शैक्षिक सत्रों 2017-18 एवं 2018-19 के लिए अस्थाई मान्यता अथवा क्रमोन्नति एक शर्त पर दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मान्यता या क्रमोन्निति इस शर्त के साथ दी जाएगी कि वे इस अवधि में भू-रूपान्तरण आवेदन सक्षम अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत कर भूमि रूपान्तरण करवा लेंगे।
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भूमि रूपान्तरण कराकर दस्तावेजों की फोटो प्रति प्रस्तुत करनी होगी
शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने कहा कि इस संबंध में संस्था से यह शपथ पत्र लिये जाने के निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल के लिए प्रस्तावित भवन मास्टर प्लान में नहीं है तथा जब भी स्थानीय निकाय द्वारा भूमि रूपान्तरण के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे वे भू-रूपान्तरण हेतु आवेदन प्रस्तुत कर देंगे। साथ ही भूमि रूपान्तरण न होने की दशा में वे अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्थानान्तरण प्रमाण पत्र जारी कर देंगे। मंत्री देवनानी ने कहा कि सत्र 2019-20 से पूर्व भूमि रूपान्तरण कराकर दस्तावेजों की फोटो प्रति प्रस्तुत नहीं करने वाले स्कूल स्वतः ही बंद हो जाएंगे। साथ ही ये स्कूल ही प्रवेशित छात्रों को अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश हेतु टी.सी. जारी करेंगे।