राजस्थान में सबसे बड़ा बदलाव यहां की आर्थिक विकास की तेज गति से आया है। कृषि पर निर्भरता कम होने के साथ ही उद्योगों और सर्विस सेक्टर की भागीदारी राज्य के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में बढ़ी है। कृषि की जोत छोटी हुई है और तकनीक का समावेश हुआ है। इस बदलाव ने संपन्नता को भी आम जनता तक पहुंचाया है।
तीन साल में राजस्थान की बदली तस्वीर
किसी भी राज्य के लिए 20 साल का वक्त अपनी तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए काफी होता हैं लेकिन राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने प्रदेश की सूरत और तकदीर तीन साल में ही बदल कर रख दी हैं। राजस्थान ने एक बीमारु राज्य की छवी को तोड़ते हुए आज विकसित और उन्नत प्रदेश के रुप में विकास किया हैं। राजस्थान ने जिस गति से आर्थिक विकास को गति दी हैं तो वह वसुंधरा सरकार के प्रयासों से। इस विकास का सबसे बड़ा सूचक राज्य की जीडीपी जो 1995-96 के 79346 करोड़ रुपए से बढ़कर 2015-16 में 544014 करोड़ रुपए हो गई हैं। लोगों की सपन्नता बढ़ने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि 20 साल में राज्य की आबादी 39.2 फीसदी बढी हैं तो वहीं प्रदेश में कुल वाहनों की संख्या 685.3 फीसदी बढ गई हैं।
जीडीपी में दिखी तरक्की
विकास के सबसे बड़े सूचक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में तेज बढ़ोत्तरी दिखती हैं। साथ ही प्रतिव्यक्ति आय भी 1995-96 के 8300 से बढ़कर 2015-2016 में 66779 रुपए तक पहुंच गई हैं। हालांकि तेज उछाल2011 के बाद ही दिखाई दिया लेकिन 2014-2016 के बीच प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय में आश्चर्यजनक वृद्धी हुई हैं। जब जीडीपी की बेस प्राइस में राज्य की आय का आकलन लागत के स्थान पर बाजार मूल्य पर किया जाने लगा।
कारें बढ़ी तो दोपहिया वाहनों की संख्या हुई ज्यादा
आर्थिक संपन्नता के इंडिकेटर्स की बात करें तो बीस साल पहले प्रदेश में लगभग 17 लाख वाहन थे जो 2016 में बढ़कर 1,3350646 हो गया। इनमें दुपहिया 11 लाख से बढ़कर एक करोड़ हो गए और कारों की तादाद 77 हजार से बढ़कर आठ लाख 76 हजार हो गए। वहीं जनसंख्या की बात करें तो 1995 में प्रदेश की जनसंख्या 4.92 करोड़ थी जो अब बढ़कर 6.85 करोड़ हो गई है।
किस सेक्टर की है कितनी हिस्सेदारी
सर्विस सेक्टर1980 में 37% भागीदारी रखता था, 2015-16 में ये 47% से ज्यादा है।
इंडस्ट्री कीभागीदारी 1980 में 18% ही थी, 2015-16 में ये 28% से ज्यादा है।
कृषि की हिस्सेदारी जीडीपी में 1980 में 45% थी, 2015-16 में घटकर 25% रह गई है।