अब ट्रांसजेंडर भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों की सूची में शामिल होंगे। शासन सचिवालय में आयोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता आज इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। गुप्ता ने इन परिवारों के चिन्हीकरण के लिए एनएफएसए के तहत गठित उप समिति में मोडेलिटी तय करने के निर्देश दिए हैं। बता दें, 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में ट्रांसजेंडरों की संख्या 16,500 है।
फिलहाल राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 4 करोड़ 58 लोगों को सूचीबद्ध कर रखा है। अभी इस अधिनियम के तहत लाभान्वितों को 31 श्रेणियों में विभाजित कर रखा है।
इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा ने बताया कि राजस्थान ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड द्वारा ट्रांसजेंडरों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की सूची मेें शामिल करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। ट्रांसजेंडरों को इसका लाभ स्वघोषणा के आधार पर प्रदान किया जाएगा, जिसका सत्यापन विभागीय स्तर पर होगा।
बैठक में व्यावसायिक रूप से वेश्यावृत्ति में संलिप्त परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की गई है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. महान्ति, पंचायती राज विभाग के सचिव कुंजीलाल मीणा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक डॉ.समित शर्मा, विशिष्ट शासन सचिव वित्त(व्यय) विभाग सुरेन्द्र सिंह सोलंकी सहित सम्बंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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