गहलोत सरकार ने गुरूवार से प्रदेश की 165 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कर्जमाफी के कैंप लगाने शुरू कर दिए हैं। पहले दिन सात हजार से अधिक किसानों को ऋणमाफी के सर्टिफिकेट भी वितरित हो गए लेकिन यहां भी बिना पैसे की कर्जमाफी के ढोंग में भी कांग्रेस सरकार सियासत करते नजर आ रही है। दरअसल जो कर्जमाफी के प्रमाण पत्र किसानों को बांटे गए हैं उन पर लिखा है ‘कर्जमाफी में पिछली भाजपा सरकार ने जो 8 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी की थी उसमें 6 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार मौजूदा सरकार वहन कर रही है।’ सरकार के इस कदम से तो यही लग रहा है कि कर्जमाफी के मुद्दे पर प्रदेशभर में भाजपा के जेल भरो आंदोलन का जवाब कांग्रेस इस तरह से दे रही है।
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सवाल इस बार भी वही था कि आखिर कर्जमाफी के लिए पैसा कहां से आएगा जिसका इस बार भी कोई जवाब नहीं मिल पाया। सरकार का कहना है कि कोआॅपरेटिव बैंकों व भूमि विकास बैंक के ऋणी किसानों का कुल 10,500 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जा रहा है। अपेक्स कोआॅपरेटिव बैंक को 1150 करोड़ रुपए की पहली किश्त मार्च तक जारी की जाएगी। इसके बाद 2 साल के अंदर बैंक को यह राशि रिफाइनेंस की जाएगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस पर कर्जमाफी में वादा खिलाफी का आरोप लगाते हएु भाजपा ने आज से प्रदेशभर में जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरूद्ध सभी जिला केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में जब भाजपा विधायकों ने सरकार को किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर घेरा तब उन्होंने ऋणमाफी के कैंप लगाने का निर्णय किया है।
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