राजस्थान सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार, कर्ज कितने भी बैंकों से लिया हो, माफ सिर्फ एक का होगा
राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस चीफ राहुल गांधी ने प्रदेश के किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की बात कही थी। सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के किसानों का 2 लाख रुपए तक का फसली ऋण माफ करने की घोषणा की। जब विधानसभा सत्र में इस घोषणा के चलते सरकार का घेराव हुआ तो लोकसभा चुनावों को देखते हुए गहलोत सरकार ने एक नया तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। इसके मुताबिक, कर्ज कितने भी बैंकों से लिया हो, माफ सिर्फ एक का होगा। प्रदेश सरकार की ओर से कर्जमाफी के लिए तैयार की गई गाइडलाइन में केन्द्रीय सहकारी बैंकों को इसके निर्देश दिए गए हैं।
[alert-warning]Read Related: सत्ता के लिए कर्जमाफी का वायदा देकर अब खुद फंस गई कांग्रेस[/alert-warning]
सरकारी कर्मचारियों, वर्तमान और पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, आयकर दाता एवं पेंशनर्स सहित 12 श्रेणियों के किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं दिया जाएगा। सरकार सहकारी बैंकों से 30 नवंबर, 2018 तक फसली ऋण ले चुके किसानों के लिए 7 से 9 फरवरी तक कर्जमाफी कैंप लगाने जा रही है। यदि किसी किसान ने दो या इससे ज्यादा सहकारी बैंकों से फसली ऋण ले रखे हैं तो वह जिस एक बैंक का 2 लाख तक का लोन माफ करान चाहेगा, वह माफ किया जाएगा।
इन लोगों को नहीं मिलेगी कर्जमाफी
- वर्तमान व पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक
- आयकर दाता
- सरकारी कर्मचारी
- पेंशनर्स
- ऐसे बोर्ड व निगम के पदाधिकारी जिनमें दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हो
- आयोग सदस्य व अध्यक्ष
- सहकारी व निजी बैंक कर्मचारी व पेंशनर
- राज्य व केंद्र में स्वायत्तशासी संस्था, सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी व पेंशनर्स
- पंचायती राज के पेंशनर्स
- सहकारी संस्थाओं के पूर्णकालिन कर्मचारियों सहित 12 श्रेणी के किसान।
इन्हें मिलेगी छूट
- ईपीएफ पेंशन भोगी
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी
- सरपंच, वार्ड पंच
- जिला परिषद सदस्य
- पंचायत समिति सदस्य
[alert-warning]Read More: शराब को बढ़ावा देने में लगी राजस्थान सरकार, कम बिक्री होने पर जुर्माने का प्रावधान[/alert-warning]