राजस्थान के राज्य न्यायिक सेवा में जाने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशख़बरी है। राज्य सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग को एक प्रतिशत आरक्षण और निशक्तजनों को ऊपरी आयु सीमा में 10 साल की छूट दी है। कार्मिक विभाग ने इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक राज्य न्यायिक सेवा में अब न्यूनतम 21 साल और अधिकतम 40 साल वालों को भी नियुक्ति मिल सकेगी। प्रक्रियाधीन आरजेएस भर्ती में भी संशोधित नियमों का लाभ दिया जा सकता है।
अब 23 के बजाय 21 साल वाले भी आ सकेंगे न्यायिक सेवा में
प्रदेश के राज्यपाल कल्याण सिंह ने बुधवार को राजस्थान न्यायिक सेवा नियमों में संशोधनों को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही नियमों में संशोधन की अधिसूचना के लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। उच्च न्यायालय ने नियमों में संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजा था। नियमों में संशोधन के बाद अब प्रदेश में 23 के बजाय 21 साल वाले अभ्यर्थी भी न्यायिक सेवा में आ सकेंगे। इसके साथ ही अधिकतम आयु सीमा 35 से बढ़कर 40 साल हो जाएगी।
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दिव्यांगजनों को 10 साल की छूट का लाभ मिलेगा
नि:शक्तजन अधिनियम-2016 की पालना में निशक्तजनों को ऊपरी आयु सीमा में छूट भी अब तक नहीं मिल पा रही थी। नियमों में संशोधन से अब सामान्य श्रेणी के निशक्तजनों को ऊपरी आयु सीमा में 10 साल की छूट का लाभ मिल सकेगा। अन्य वर्गों को भी 2016 के अधिनियम के तहत ऊपरी आयु सीमा में छूट मिल सकेगी। इससे पहले अति पिछड़ा वर्ग के लिए अब तक राजस्थान न्यायिक सेवा में आरक्षण नहीं था, संशोधन के जरिए इस वर्ग के लिए भी राज्य सरकार की सेवाओं की तरह एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया है। अब इस वर्ग के अभ्यर्थियों को न्यायिक सेवा भर्तियों में लाभ मिल सकेगा।