राजस्थान सरकार स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क नज़र आ रही है। इस दिशा में काम करते हुए वसुंधरा राजे सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राजस्थान सरकार प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों को स्कूल तक लाने ले जाने में लगे आॅटो और उनके ड्राइवर का जल्द पुलिस सत्यापन करवाने जा रही है। आॅटो और उनके चालकों का सत्यापन संबंधित पुलिस थानों के माध्यम से अगले एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। गृहमंत्री कटारिया ने सदन को विश्वास दिलाया कि पुलिस सत्यापन के साथ ही ऑटो की ओर से लिए जाने वाला किराया निर्धारित किए जाने के प्रयास भी किए जाएंगे।
कोटा में अब तक 137 आॅटो चालकों हो चुका वेरिफिकेशन: गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने प्रश्नकाल में कोटा जिले के पीपल्दा क्षेत्र से विधायक विद्याशंकर नन्दवाना के प्रश्न का उत्तर देते हुए यह घोषणा की। कटारिया ने आगे कहा कि वर्तमान में कोटा शहर में 215 ऑटो बच्चों को विद्यालयों में लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। अब तक इनमें से 137 ऑटो ड्राइवर्स का पुलिस सत्यापन किया जा चुका है। बाकी के बचे ऑटो चालकों का भी जल्द ही सत्यापन पूरा कर लिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि बाल वाहिनी के रूप में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने के लिए चल रहे वाहनों का परमिट परिवहन विभाग की ओर से जारी किया जाता है।
इससे पहले ये विधायक भी बोले: कोटा दक्षिण से बीजेपी विधायक संदीप शर्मा ने पुराने वाहनों के ज्यादा प्रदूषण फैलाने से स्कूली बच्चों को होने वाले नुकसान की बात कही। जालोर के आहोर क्षेत्र से विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित ने ऑटो के साथ चालकों का भी पुलिस सत्यापन कराए जाने की मांग की। इनके साथ ही चित्तौडगढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने ऑटो चालकों की ड्रेस निर्धारित करने और ऑटो के आगे-पीछे मोबाइल नंबर अंकित कराए जाने के लिए भी कहा।