प्रदेश में जननी और शिशुओं की जीवनरक्षा के लिए काम करते हुए राजस्थान सरकार अब राज्य में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं को सुपोषण और स्वास्थ्य देने के लिए 7 नए मदर मिल्क बैंक खोलने जा रही है। राज्य के व्यक्ति-व्यक्ति के हित में योजनाएं चलाकर काम करने वाली राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विगत कई वर्षों से महिला एवं बाल विकास की दिशा में काम किया है। यह गौरतलब है कि राज्य में 10 मदर मिल्क बैंक वसुंधरा सरकार ने पहले से खोल रखे है। इन मदर मिल्क बैंक का संचालन बहुत अच्छे तरीकें से हो रहा है। सरकार ने अपने इस वर्ष के वार्षिक बजट में राज्य में 7 नए मदर मिल्क बैंक स्थापित करने की घोषणा की थी। अपनी इस घोषणा पर काम करना सरकार ने शुरू कर दिया है।
इन ज़िलों में सरकार खोलेगी नए ‘मदर मिल्क बैंक‘:
राजस्थान सरकार ने अपने इस कार्यकाल के अंदर राज्य के 10 अलग-अलग ज़िलों में मदर मिल्क बैंक की स्थापना की है। अब सरकार ने 7 और नए मिल्क बैंक खोलने को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है। सरकार की प्रस्तावित योजना के अनुसार अब पहले करौली, सवाई माधोपुर और धौलपुर में मदर मिल्क बैंक खोले जायेंगे फिर जालौर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में नए मदर मिल्क बैंक खोले जायेंगे। इस तरह प्रदेश के 17 विभिन्न ज़िलों में 17 मदर मिल्क बैंक स्थापित हो जायेंगे।
आला स्तर पर मिल चुकी है मंज़ूरी:
सरकार की बजट घोषणा के अनुसार उठाएं जाने वाले इस स्वास्थ्यप्रेरक कदम की अनुमति सरकार ने सैद्धांतिक रूप से दे दी है। विभाग के अधिकारियों और सरकार की मुखिया ने इस काम को गति और गुणवत्ता से करने के निर्देश दिए है। इस काम के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सरकार से वित्तीय स्वीकृति मांगी है। अब वित्तीय स्वीकृति मिल जाने के बाद सरकार की ओर से बजट आवंटित करके राज्य के विभिन्न ज़िलों में मदर मिल्क बैंक की स्थापना कर दी जाएगी।
नवजात शिशुओं के लिए जीवनदायनी है, सरकार की यह योजना:
सरकार की यह योजना उन नवजात शिशुओं के लिए वरदान का काम करेगी जिन्हें पैदा होने के बाद किसी कारण से अपनी माँ का दूध नहीं मिल पाता। माँ के दूध में पाए जाने वाले उच्च पोषक तत्व नवजात शिशु के जीवन और वर्धन के लिए अत्यावश्यक होते है। प्रोटीन, विटामिन, और अन्य पोषक तत्वों से पूरित माँ के दूध के न मिल पाने के कारण कई बार पैदा हुए शिशु की मृत्यु हो जाती है। सरकार के इस प्रयास से राजस्थान की शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।