अभी तक राजस्थान सरकार के सामने प्रदेश का नया ब्यूरोक्रेट ढुंढना था जो कि मुख्यमंत्री राजे ने अपनी दूरदर्शी विजन से हल कर दिया। मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशोक जैन को ब्यूरोक्रेसी का मुखिया बना दिया। अब राजे के सामने प्रदेश का नया पुलिस मुखिया बनाने की चुनौती है। राजस्थान सरकार पिछले कई दिनों से राजस्थान के लिए नया पुलिस मुखिया तलाशने में जुटी है।
डीजीपी भट्ट जुलाई में हो रहे है रिटायर
दरअसल प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मनोज भट्ट जुलाई अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हालांकि संभावनाएं जताई जा रही है कि राजे सरकार डीजीपी भट्ट को एक्टेंशन दे सकती है लेकिन कब तक। जानकारी के अनुसार आगामी साल 2018 में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में भट्ट के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है। लेकिन, इसकी संभावना कम ही दिखाई पड़ती है। ऐसी स्थिति 31 जुलाई तक राज्य पुलिस को नए मुखिया मिल सकते हैं। अब तक राज्य सरकार ने मुख्य सचिव और डीजीपी के चयन में वरिष्ठता को काफी हद तक तवज्जो दी है। इस बार भी वरिष्ठता का ही फॉर्मूला अपनाया गया तो 1981 बैच के आईपीएस नवदीप सिंह सबसे ऊपर हैं। वहीं, 1982 बैच के आईपीएस अजीत सिंह दूसरे नंबर पर हैं। क्योंकि, भट्ट के अतिरिक्त प्रदेश में यही दो डीजी हैं। डीजी जसवंत संपतराम के रिटायरमेंट से एक पद खाली है।
अजीत सिंह : 1982बैच के आईपीएस अजीत सिंह वर्तमान में डीजी जेल हैं। उनका इसी साल नंवबर में रिटायरमेंट हैं। वे भी एसीबी में रह चुके हैं और सरकार के पसंदीदा अफसरों में हैं। कमजोर पक्ष यही है कि उनके पास चार महीने का समय रहेगा।
केके शर्मा : 1982बैच के आईपीएस राज्य में एडीजी हैं, लेकिन केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। बीएसएफ डीजी का जिम्मा है। अगले साल सितंबर में रिटायरमेंट हैं। राजस्थान लौटने की संभावना कम है।
नवदीप सिंह : 1981बैच के आईपीएस। वर्तमान में डीजी होमगार्ड का जिम्मा। जून, 2018 में रिटायरमेंट होना है। इससे पहले स्पेशल डीजी और डीजी एसीबी भी रहे। हालांकि, एसीबी में विवादों के चलते उन्हें हटाना पड़ गया था। प्राइम पोस्टिंग से होमगार्ड जैसे महकमे में भेज दिया गया।