राजस्थान में लंबे समय से सातवें वेतन आयोग लागू होने का इंतजार कर रहे राज्य सेवा के करीब 9 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों और पेंशनर्स को राजस्थान सरकार ने सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का निर्णय किया है। राज्य सरकार ने इसके लिए सोमवार को सातवें वेतन आयोग की अधिसूचना भी जारी कर दी है। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राजस्थान सरकार राज्य सेवा के कर्मचारियों व अधिकारियों को 1 अक्टूबर से सातवें वेतन आयोग का लाभ देगी। राजस्थान सरकार अक्टूबर महीने के एरियर के साथ एक दिसंबर 2017 को नए वेतन का भुगतान करेगी। साथ ही कर्मचारियों को पांच प्रतिशत डीए का लाभ तुरंत प्रभाव से दिया जाएगा।
अधिकतम 28 हजार रूपए तक प्रति माह की बढ़ोतरी: सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने को ले कर सोमवार को वित्त विभाग की ओर से चार अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की गई। राज्य सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के वेतन में अधिकतम 28 हजार रूपए तक की बढ़ोतरी होगी।
एचआरए और सीसीए में बढ़ोतरी: राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राज्य सेवा के कर्मचारियों और अधिकारियों को एचआरए और सीसीए भी बढ़ा हुआ मिलेगा। एचआरए को 8 व 16 फीसदी रखा गया है जोकि केंद्र के समान है। सीसीए यानि कंमनसेटरी सिटी अलाउंस को दो स्लैब में दिया जाएगा। 23100 बेसिक पे पाने वाले कर्मचारियों को सीसीए 600 रूपए मिलेगा। वहीं इससे अधिक बेसिक पे पाने वाले कर्मचारियों को सीसीए के रूप में 1000 रूपए प्रतिमाह मिलेंगे।
कर्मचारियों का पैसा नहीं काटेगी सरकार: राज्य सरकार ने गलत फिक्सेशन मामले में बड़ी राहत दी है। 1 जुलाई 2013 के बाद हुए फिक्सेशन वालों के वेतन में करीब 5 हजार रुपए की कटौती जरूर की गई है, लेकिन सरकार इसकी भरपाई पर्सनल पे देकर कर रही है, जो कर्मचरियों के भविष्य में वेतन बढ़ने के साथ उसमें समायोजित की जाएगी। राज्य सरकार कर्मचारियों का पैसा नहीं काटते हुए पर्सनल भुगतान मानकर उसका भुगतान करेगी।
प्रोबेशनर के लिए नई पेंशन स्कीम: राजस्थान सरकार प्रोबेशनर के लिए पहली बार नई पेंशन स्कीम लेकर आई है। इस स्कीम के तहत प्रोबेशनर के वेतन से 10 फीसदी रकम पेंशन के लिए कटेगी। और इसमें 10 फीसदी रकम राज्य सरकार भी जमा कराएगी। जिससे कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
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सरकार पर इतना भार आएगा: सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने से राजस्थान सरकार पर बढ़ा भार आने वाला है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिवाली से कुछ दिन पहले सामंत कमेटी द्वारा की सिफारिशों को प्रदेश में लागू करने की घोषणा की थी। सामंत कमेटी की सिफारिशें लागू करने से सरकार पर करीब 10 हजार करोड़ का भार पड़ेगा।