राजस्थान सरकार ने जिला कलेक्टरों की शक्तियों में इजाफा कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर अधिकारी और कर्मचारियों की अनुशासनहीनता के मामलें में जिला कलेक्टरों को खास पावर दिया है। जिससे अब अधिकारी व कर्मचारियों पर नकेल कसी जा सकेगी। सरकार द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार राज्य का कोई कर्मचारी अथवा अधिकारी संबंधित जिला कलेक्टर के आदेश की अवेहलना, दुराचरण या फिर किसी कार्य में लापरवाही करता है उसकी तत्काल प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकी जा सकेगी।
कलक्टर को जिले में नियुक्त राज्य सेवा के कर्मचारी व अधिकारियों पर 17 सीसी के तहत कार्रवाई के अधिकार होंगे। इसके तहत जिला कलेक्टर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की अधिकतम तीन बार वेतन वृद्धि रोक सकेगा। जिला कलक्टर के आदेश के खिलाफ अधिकारी व कर्मचारी सीसीए नियम 23 के तहत सक्षम अधिकारी के यहां अपील कर सकेंगे।
इस नियम से मिली शक्तियां: कार्मिक विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार राजस्थान सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1958 के नियम 15 के उप नियम द्वारा जिला कलेक्टर को शक्तियां प्रदान की गई इै।
इसलिए हुई जरूरत: जिलों में अक्सर कार्य में लापरवाही या अनुशासनहीनता के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में ग्राउंड लेवल पर सरकारी योजनाओं में हो रही लापरवाही पर सरकार ने प्रदेश में जिला कलेक्टरों को ये विशेष अधिकार प्रदान किए है। इससे पहले जिला कलेक्टर ऐसे मामलों में कर्मचारी अथवा अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित विभागों को भेजा करते थे। जहां अक्सर समय पर जरूरी कार्रवाई नहीं हो पाती थी।
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यहां लागू नहीं होंगे आदेश: कार्मिक विभाग द्वारा जारी किया गया यह आदेश जयपुर डिस्कॉम, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड सहित अन्य निगम के अधिकारी व कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे।
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