राजस्थान में कार्यरत करीब 9 लाख सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी राहत की सांस देते हुए प्रदेश सरकार ने उनके तबादलों पर लगा बैन हटा दिया है। सरकारी कर्मचारियों को तबादलों से बैन हटने से राजस्थान में एक ट्रांसफर फेयर जुटने की पूरी उम्मीद है जिसका बेसब्री से इंतजार था। राज्य में इस समय करीब 8 लाख 68 हजार 534 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। सबसे ज्यादा 4 लाख कर्मचारी शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। जबकि पंचायतीराज विभाग में 17 हजार 703, शहरी स्थानीय निकायों में 29 हजार 399 और स्वायत्तशासी संस्थाओं में करीब 26 हजार 487 कर्मचारी हैं। इन सभी को तबादलों से रोक हटने का फायदा मिलेगा।
सबसे ज्यादा कर्मचारी स्कूल शिक्षा विभाग में हैं। बता दें कि सबसे ज्यादा तबादलों के आवेदन शिक्षा विभाग में ही आते हैं। संभावना यही बनती है कि तबादलों पर बैन हटने की खबर सुनते ही शिक्षा मंत्री और अन्य संबंधित स्थानों पर तबादलों के आवेदन की लिस्ट कई गुना हो जाएगी। हालांकि अभी प्रतिबंधित जिलों में कार्यरत कर्मचारियों को कुछ और समय तबादलों का इंतजार करना पड़ेगा। वजह है-प्रदेश में 10 जिले तबादलों की दृष्टि से प्रतिबंधित की श्रेणी में हैं। यहां कार्यरत शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों को सालों से तबादलों का इंतजार है।
ग्रेड थर्ड के टीचर्स के ट्रांसफर पर 2010 से बैन था जो अब 8 साल बाद हटा है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों के साथ भाजपा नेता और कार्यकर्ता सरकार से लंबे समय से तबादलों पर से रोक हटाने की मांग कर रहे थे। अब बैन हटने से कृषि विभाग, पीडब्लूडी, पीएचईडी, खान विभाग, राजस्व विभाग, गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग, वन विभाग एवं यूडीएच में तबादलों से बैन हटाया गया है। इनके अलावा सभी निगम, बोर्ड, सरकारी उपक्रम, व स्वायत्तशासी संस्थाओं में भी तबादले हो सकेंगे।
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