प्रदेश में वन और वन्यजीवों की सेहत के लिए अब रिजर्व में इलेक्ट्रिकल वाहन चलाए जाएंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों ही शुरूआत रणथंभौर टाइगर रिजर्व और झालाना रिजर्व से होगी। जंगल में सफारी के दौरान अब तक गाड़ियों की आवाज और उनसे जनित प्रदूषण के कारण कई प्रदेशों में सफारी के काम आने वाली जिप्सियों, कैंटरों को कुछ ही साल में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता था। इसकी वजह यह है कि बढ़ती आवाज और प्रदूषण वन और वन्यजीवों की सेहत के लिए सही नहीं है। वन्यजीवों के साथ ही वाहनों की आवाज टूरिस्ट को भी डिस्टर्ब करती है। लेकिन अब जंगल के सुकून और प्रकृति के संगीत के बीच वाहनों की इस खड़खड़ाहट की समस्या का समाधान मिल गया है। इसके तहत रणथंभौर और झालाना रिजर्व में अब जल्द ही इलेक्ट्रिक व्हीकल चलेंगे।
महाराष्ट्र के ताडोबा टाइगर रिजर्व में सफारी के लिए चल रहे हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल
उल्लेखनीय है कि देश में सबसे पहले महाराष्ट्र के ताडोबा टाइगर रिजर्व में ऐसे इलेक्ट्रिकल व्हीकल की शुरूआत हो चुकी है। इसके बाद अब राजस्थान के दो रिजर्व में इलेक्ट्रिक व्हीकल से जंगल सफारी की शुरूआत होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल की खासियत है कि यह गाड़ी में स्पेस, साइटिंग और फोटोग्राफी के लिए ऊंचाई, पिकअप आदि के मामलों में जिप्सी को पीछे छोड़ता दिखता है। वहीं यह गाड़ी वन्यजीवों के नजदीक से गुजर जाए तो भी एकबारगी भनक ना लगे। अब ये इलेक्ट्रिक वाहन राजस्थान के रिजर्व में चलते दिखाई देंगे। जानकारी के अनुसार, झालाना में कुछ गाड़ियों के लिए टेंडर किए जा चुके हैं तो रणथंभौर नेशनल टाइगर रिजर्व के लिए भी वन विभाग दो गाडिय़ां लेने जा रहा है। इन इलेक्ट्रिकल व्हीकल को महाराष्ट्र के ताडोबा टाइगर रिजर्व के बाद राजस्थान में लॉन्च कराने वाले वाइल्ड लाइफर सुनीत मेहता ने कहा कि यह इलेक्ट्रिकल व्हीकल वाइल्ड लाइफ सफारी की दुनिया में एक नई क्रांति साबित होंगे।
गाड़ी में ड्राइवर, गाइड के अलावा 6 टूरिस्ट के बैठने की जगह
देश में अभी तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर एक धारणा आम है कि ये केवल प्लेन सड़कों पर कुछ किलोमीटर चल सकती है। इन इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के आने से लोगों की सोच जरूर बदलेगी। वाइल्ड लाइफर धीरेन्द्र गोधा, धीरज कपूर, डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि हाल ही में झालाना रिजर्व में इस इलेक्ट्रिक व्हीकल की ट्रायल हुई। ट्रायल दौरान गाड़ी बिना स्पीड खोए और झटका खाए आराम से जिप्सी की तरह शिकार ओदी तक पहुंच गई। इन्होंने बताया कि सही मायनों में यह गाड़ी जंगल सफारी के लिए पूरी तरह फिट है। इलेक्ट्रिक व्हीकल में जिप्सी की तरह ही ड्राइवर, गाइड के अलावा 6 टूरिस्ट के बैठने की जगह है। वाइल्ड लाइफर सुनील मेहता ने कहा कि गाड़ी को एक बार चार्ज करने पर यह 100 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। कहीं फंसने की स्थिति में बूस्ट का फंक्शन है, जिसको ऑन करते ही एक्स्ट्रा पावर भी मिलेगा।