राजस्थान समेत पांच राज्यों में अगले माह विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों को सफल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने पूरी जी-जान के साथ व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है। इसी बीच प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य निर्वाचन विभाग ने दिव्यांग और नेत्रहीन राज्य कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का काम किया है। राज्य निर्वाचन विभाग ने दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल, राज्य निर्वाचन विभाग को कर्मचारी संघों और कर्मचारियों से इस संबंध में काफी शिकायतें मिल रही थी कि जिला निर्वाचन अधिकारी अपने मनमानी तरीके से दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रहे हैं। इन शिकायतों पर अमल करते हुए निर्वाचन विभाग ने इन्हें ड्यूटी मुक्त करने के निर्देश दिए हैं।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के आदेशों की नहीं हो रही थी पालना
दरअसल, प्रदेश में होने वाले चुनाव की प्रक्रिया में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के आदेशों की अवहेलना हो रही थी। जानकारी के लिए बता दें, निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों की ड्यूटी डॉक्टरों के पैनल द्वारा अनफिट करने पर लगाई नहीं जा सकती है। लेकिन इसके बावजूद कई जिलों से इस तरह की शिकायत आ रही थी कि पीठासीन अधिकारी मनमानी तरीके से दिव्यांगजन और नेत्रहीन कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगा रहे है।
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पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में वरिष्ठता हो आधार
राज्य निर्वाचन विभाग ने दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के निर्देश के साथ ही एक और आदेश भी जारी किया है। निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, मतदान दल में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में वरिष्ठता आधार होना चाहिए। अगर किसी अधिकारी को पूर्व में चुनाव संबंधी कार्य दिया हुआ है तो उन्हें मतदान दल में नियुक्त नहीं किया जाए। विधानसभा चुनाव में दिव्यांग और नेत्रहीन कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने से उन्हें बड़ी राहत मिली है।