राजस्थान की सरजमीं पर 31 मई, 2018 का दिन एक ऐतिहासिक दिन कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। इस दिन प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने किसानों की आर्थिक स्थिति का दर्द समझते हुए राजस्थान फसली ऋणमाफी योजना योजना लॉन्च की थी। इस योजना के तहत किसानों को 50 हजार रूपए तक का फसली ऋण माफ किया जाना है जिसके प्रमाणपत्र प्रदेशभर में शिविर आयोजित कर वितरित किए जा रहे हैं। इस योजना में राज्य सरकार पर करीब साढ़े आठ हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त भार आएगा। प्रदेश में यह पहली बार है कि किसानों का कर्ज इतने बड़े स्तर पर माफ किया गया है।
हालांकि कुछ लोगों द्वारा राजस्थान फसली ऋणमाफी योजना को संदिग्ध बताया जा रहा है लेकिन प्रदेश के किसानों की माने तो यह योजना उनके लिए एक वरदान से कम नहीं है।
आइए, राजस्थान के पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के दूदोड़ गांव के किसानों व अन्य लोगों से जानते हैं कि उनके लिए इस योजना के आखिर क्या मायने हैं…
1. मेरे 30 हजार 675 रुपए माफ किए गए हैं। मैं अपने जीवन में पहली बार किसानों के लिए इतनी बड़ी योजना देख रहे हैं।
– पेमाराम (60) निवासी दूदोड़, पाली
2. ऋणमाफी से उसे जो आर्थिक लाभ हुआ है, यह राशि मेरे खेतीबाड़ी में काम आएगी।
– किसान चुन्नीलाल (65) निवासी दूदोड़, पाली
3. ऋण लेते समय कभी मैने सोचा भी नहीं था कि ऐसे ऋण माफ भी हो सकता है। मेरा करीब 39 हजार रुपए का ऋण माफ हुआ है। एक किसान के लिए यह बहुत बड़ी राशि है। खेती-बाड़ी के अलावा बच्चों की पढाई में यह पैसे बहुत काम आएंगे।
– किसान हंसाराम, निवासी दूदोड़, पाली
4. राजस्थान फसली ऋणमाफी योजना के तहत अकेले दूदोड़ क्षेत्र में 291 किसानों को 75.80 लाख रुपए की ऋणमाफी का लाभ दिया है।
– एसएस राठौड़, पीसीसीबी प्रबंध निदेशक
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