जयपुर। राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं है। विधायक सचिन पायलट गुट की याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय से आदेश आने का इंतजार हो रहा है, लेकिन उच्च न्यायालय की ओर से सुनवाई के लिए जारी सूची में मामले को एडमिशन विथ नोटिस सर्व, रिप्लाइ नॉट फाइल श्रेणी में रखा है। मंगलवार की सुनवाई के बाद सचिन पायलट ग्रुप की ओर से बुधवार को भारत सरकार को पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र भी पेश किया गया, ऐसे में इस पर भी शुक्रवार को सुनवाई की संभावना है। इन परिस्थितियों में फैसला आने की संभावना कुछ कम हो गई है। सचिन पायलट गुट के विधायक पीआर मीना एवं अन्य 18 विधायकों की याचिका पर उच्च न्यायालय ने 21 जुलाई को सुनवाई पूरी कर आदेश के लिए मामला 24 जुलाई को रखा था। इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष से सचिन पायलट ग्रुप के विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया था।
पूर्व मंत्री और 19 विधायकों समेत 48 को नोटिस
विधानसभा स्पीकर सीपी जाेशी की ओर से 14 जुलाई काे सचिन पायलट सहित 19 विधायकाें काे विधायक दल की बैठक में उपस्थित नहीं हाेने पर कारण बताओ नाेटिस दिया गया। 9 दिन में यह मामला हाईकाेर्ट फिर सुप्रीम काेर्ट जा पहुंचा। नाेटिस का खेल एसओजी ने शुरू किया। 16 विधायकाें काे नाेटिस दिए। फिर 19 विधायकाें काे विधानसभा स्पीकर ने। फिर एसीबी ने। बीच में इनकमटैक्स और ईडी आ गई। सीबीआई ने भी एक अन्य मामले में विधायक कृष्णा पूनिया से पूछताछ की। विधायकाें के घर पर नहीं मिलने पर जांच एजेंसियां उनके आवास पर नाेटिस चस्पा करने लगी।
27 जुलाई को फ्लोर टेस्ट करा सकती है सरकार
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए सोमवार 27 जुलाई को विधानसभा सत्र बुला सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूदा राजनीतिक संकट को रोकने की कवायद में जुटे हैं। कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी महेश जोशी द्वारा जारी व्हिप को पढ़ा जिसमें सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या विधानसभा के बाहर किसी चीज के लिए व्हिप की अनुमति है। जवाब में सिब्बल ने कहा कि व्हिप कहीं भी परिभाषित नहीं है, लेकिन एक मुख्य सचेतक पार्टी सदस्यों के लिए सीएलपी में भाग लेने के लिए व्हिप जारी कर सकता है।
पायलट खेमे की दलील है- पार्टी का व्हिप तभी जब सत्र चल रहा हो
कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर रखी है। इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे। हालांकि, पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।