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राजस्थान का नाम कुछ दिनों से अच्छे कामों के नहीं बल्कि अपराध और गैर कानूनी कामों के लिए देशभर में छाया हुआ है। चारों ओर रेप, हत्या व लूट की खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर, इन सब से बेखबर और जनता की दर्दभरी आवाजों से दूर राजस्थान सरकार लोकसभा चुनावों की तैयारियों में लगी हुई है। राजस्थान में अपराध बढ़ रहे हैं, यह हम नहीं प्रदेशभर के समाचार पत्र बोल रहे हैं। इतना ही नहीं, आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार तक नहीं कर पा रही है। मंगलवार को श्रीगंगानगर के बीडी गांव में आॅनर किलिंग हो गई जिसमें एक युवक को बुरी तरह पीट-पीट कर मार डाला। पिछले तीन दिनों में प्रदेश में यह दूसरी घटना है। इससे पहले शनिवार को चूरू के सेउवा गांव में 22 वर्षीय एक युवक की हत्या हुई थी।

यहीं नहीं, बयाना-भरतपुर में रविवार को बयाना थाना क्षेत्र के गांव खटनावली में एक 7 साल की मासूम के साथ और जयपुर के झोटवाड़ा में नाबालिक से दुष्कर्म के आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ के बाहर है। वहीं भिवाड़ी (अलवर) में 13 दिन पहले लापता हुई किशोरी को परिजनों को सौंपे जाने के बाद उसकी मौत को भी पुलिस ठीक से नहीं बता पा रही। टोंक जिले की निवाई तहसील में 12 जनवरी को हुए पांच वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी भी पुलिस की गिरफ्ट से बाहर हैं। कैथवाड़ा (भरतपुर) से लापता आठ वर्षीय बालिका के हत्यारों का पता भी अभी तक नहीं चल पाया है। दौसा के मुख्य बाजार से दबंगों द्वारा अगवा की गई कॉलेज छात्रा का भी कहीं कोई अता पता नहीं है।

आगे और क्या बात करें। हाल ही में वैशाली नगर में कुछ लोगों से साइबर ठगी करने का मामला सामने आया है। प्रताप नगर में नोट बदली को लेकर एक व्यक्ति से बड़ी लूट हुई है। वहीं मिलावटी दाल और वनस्पति घी का गौरख धंधा प्रदेश में जमकर फल-फूल रहा है। मालवीय नगर में अज्ञात लोगों द्वारा रात के समय में कारों के सीसे फोड़ने वाला गैंग भी अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है। जोधपुर और धौलपुर से भी दिल दहला देने वाले समाचार मिले हैं जिनसे प्रदेश सरकार पूरी तरह से अनजान बनी हुई है। मोबाइल, बैग और चैन छीनकर भागने वाला गैंग भी प्रदेशभर में सक्रिय है जिनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

मामले और भी हैं लेकिन परिणाम एक ही है ‘नो रिजल्ट’। अब सरकार खुद आंखों पर पट्टी बांध बैठी रहेगी तो बेचारी लाचार पुलिस भी क्या करें। वैसे कांग्रेस राज में अपराधों का बढ़ना कोई नया नहीं है लेकिन इस तरह दिन दहाड़े दबंगई और जनता को हो रही परेशानी का हल न निकालना भी गलत है। अब गहलोत सरकार इस बात को समझे तब तो कहीं प्रदेश की पुलिस समझे। अब पुलिस वालों को तो गहलोत या कांग्रेस सरकार के कहने पर निर्दोष जनता पर लाठी चार्ज और आसू गैस के गोले फैकना आता है।

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