प्रदेश में कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़ माफ़ी का ऐलान किया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो अगले 10 दिनों में किसानों का पूर्ण कर्ज़ माफ़ कर दिया जाएगा। कांग्रेस की सरकार भी बनीं, लेकिन करीब 45 दिन होने को है अभी तक एक भी किसान का कर्ज़ा माफ़ नहीं किया गया है। इस मामले को लेकर किसान आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन खड़ा कर सकते हैं। वहीं, पिछली वसुंधरा राजे सरकार द्वारा किसानों को राहत देने के लिए की गई कर्ज़ माफ़ी में सहकारी सोसायटी द्वारा किया गया करोड़ों का घोटाला सामने आया है। मामला राजस्थान के अलवर जिले का है। जिले के बहरोड़ क्षेत्र के पहाड़ी कॉपरेटिव सोसायटी में ऋण माफी के नाम पर करोड़ों का घोटाला उजागर हुआ है।
नाबालिग और मृतकों के नाम तक पर फर्जी तरीके के उठा लिए कृषि ऋण
कर्ज़ माफ़ी के नाम पर सोसायटी द्वारा किया गया घोटाला उजागर होेने के बाद ग्रामीणों ने बहरोड़ में रैली निकाल तहसीलदार और थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। साथ ही ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि पहाड़ी कॉपरेटिव सोसायटी में 150 से अधिक किसानों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर कर्ज़ माफ़ी का लाभ उठाकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है। इस बड़े फर्जीवाड़े पर ग्रामीणों का कहना है कि सहकारी सोसायटी के सचिव, अध्यक्ष और बैंक के कर्मचारियों ने कर्ज़ माफ़ी के तहत नाबालिग और मृतकों के नाम तक पर फर्जी तरीके के ऋण उठा लिए। बता दें, इस मामले का खुलासा सरकार द्वारा कर्ज़ माफ़ी के लाभार्थियों की सूची ऑनलाइन करने के बाद हो हुआ है।
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बड़े पैमाने पर ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षकर कर उठाया पैसा
बहरोड़ तहसीलदार ने ज्ञापन जिला कलेक्टर के पास भेज जांच कराकर उचित कार्रवाई का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है। राज्य सरकार के कर्ज़ माफ़ी पोर्टल पर उपलब्ध सूची में दर्ज पहाड़ी ग्राम के लाभान्वित किसानों के नाम व ऋण माफ़ी की लिस्ट वाले ग्रामवासियों के पूछने पर पता चल रहा है कि उसमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने कर्ज़ा लिया ही नही था। सरकार की इस योजना के तहत सहकारी सोसायटी ने बड़े स्तर पर ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर कर पैसा उठाया है। यहां तक कि पोर्टल पर जारी लाभार्थियों की सूची में बच्चों और मृतक व्यक्तियों के नाम पर भी कर्ज़ लिया हुआ दिख रहा है। इसके अलावा दस से पंद्रह साल पहले माफ हो चुके लोन के लाभान्वितों का नाम भी सूची में शामिल है।