राजस्थान सरकार ने सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित की गई सामंत कमेटी का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। वेतन सहित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए पिछली राजस्थान सरकार में गठित सामंत कमेटी का कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया है। प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसके आदेश जारी कर 30 जून 2019 तक कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया है। बार-बार कमेटी का कार्यकाल बढ़ाए जाने से कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है। कर्मचारी संगठनों ने इसे गहलोत सरकार की सोची समझी साजिश करार दिया है।
कर्मचारी नेताओं ने गहलोत सरकार से नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि राजस्थान कांग्रेस सरकार को वोटबैंक की राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और कर्मचारियों के प्रति दृढ़ इच्छाशक्ति से उनके हितों का ध्यान रखते हुए कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए। कार्यकाल बढ़ाए जाने पर अखिल राज्य कर्मचारी एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि राजस्थान सरकार वेतन विसंगति को दूर करना नहीं चाहती है। वह मामले को यूं ही लटकाए रखना चाहती है। हमें गहलोत सरकार से बहुत उम्मीदें थी। कमेटी का कार्यकाल बार बार बढ़ाने से कर्मचारी मायूस हैं।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर को कमेटी का कार्यकाल का अंतिम दिन था। जिसके एक बार फिर से बढ़ने से 2800 ग्रेड पे तक के सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन कटौती वापस लेने सहित गोविंद शर्मा की सिफारिशों और निर्णय को लागू करने की आस फिर से टूट गई है।