राजस्थान में कांग्रेस के सरकार बनाने के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच का गतिरोध समाप्त नहीं हो रहा है। नवगठित सरकार के 23 मंत्रियों के शपथ लेने के बावजूद अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पाना, कांग्रेसी नेताओं के बीच जारी घमासान को दिखा रहा है। गहलोत व पायलट में सीएम पद को लेकर दिल्ली में लंबी खींचतान देखने को मिली थी और अब एक बार पुनः मंत्रियों के बीच विभाग बंटवारे को लेकर तनातनी देखने को मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर दोनों नेताओं में सहमति नहीं बन पा रही है।
कांग्रेस नेताओं के मुताबिक यदि दोनों आम सहमति से इस मामले को नहीं सुलझा पाएं तो राहुल गांधी को ही मंत्रियों के विभागों की सूची पर दखल देंगे। इससे स्पष्ट है कि राजस्थान में सरकार से जुड़े महत्त्वपूर्ण फैसले राहुल गांधी से विचार-विमर्श के बाद ही लिया जा रहा है। दूसरी तरफ गहलोत सरकार के पहले मंत्रिमंडल में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम नहीं होने पर जारी उठापटक पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंत्रिमंडल के एक और विस्तार का संकेत दिया है। संभवतः जिसका जिम्मा नाराज नेताओं को सौंपा जाएगा।
शपथ लेने के बावजूद मंत्रीगण विभाग नहीं मिलने की वजह से अब तक कामकाज शुरू नहीं कर पाए हैं। पहले भी टिकट वितरण से लेकर मंत्री बनाने तक कांग्रेस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। कैबिनेट व राज्यमंत्री की शपथ लेने वाले जनप्रतिनिधि जल्द से जल्द इस विवाद के निपटने का इंतजार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि हर बार की तरह विभाग बंटवारे के मुद्दे पर गहलोत व पायलट के बीच गतिरोध कितने लंबे समय तक चलता है।