राजस्थान सरकार में अनुकंपा पर नौकरी लगने वाली विधवा महिलाओं के हित में राज्य सरकार ने बड़ी राहत देने वाला फैसला लिया है। प्रदेश की राजधानी जयपुर में हुई राज्य स्तरीय कैबिनेट की बैठक में सर्कुलेशन के माध्यम से कई अहम फैसलों को मंजूरी मिली है। कैबिनेट की बैठक में अनुकंपा पर नियुक्ति पाने वाली मृतक कर्मचारियों की विधवाओं को बड़ी राहत दी गई है। कैबिनेट ने मृतक कर्मचारी की विधवा को वेतन और पेंशन दोनों के साथ डीए देने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में हजारों की संख्या में अनुकंपा पर नौकरी कर रही विधवाओं का लाभ मिलेगा।
कैबिनेट की बैठक में सिविल सेवा पेंशन नियमों के संशोधन को मिली मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में मृतक कर्मचारियों की जगह अनुकंपा नियुक्ति पाने वाली विधवाओं को सरकार ने बड़ी राहत देते हुए पेंशन के साथ डीए को भी मंजूरी दी है। यानि अनुकंपा नौकरी पाने वाली महिलाओं को अब पेंशन के साथ डीए भी मिलने लगेगा। गौरतलब है कि अब तक मृतक कर्मचारियों की जगह नौकरी लगने वाली विधवाओं को वेतन और पेंशन में से एक में ही डीए देने का प्रावधान था और उन्हें एक विकल्प चुनना होता था, लेकिन राजे सरकार के निर्णय के बाद अब वेतन और पेंशन दोनों के साथ डीए मिलने लगेगा। बैठक में सिविल सेवा पेंशन नियमों के संशोधन को भी मंजूरी मिली है।
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लैपर्ड सेंचुरी, मेडिकल कॉलेज व सरकारी कॉलेज का नाम बदलेगा
जवाई बांध पाली में लैपर्ड सेंचुरी, चुरू मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर और सिवाना के सरकारी कॉलेज का नाम पीर नारायण परमार के नाम पर करने को भी कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली है। पाली जिले में जवाई बांध लैपर्ड सेंचुरी-2 घोषित करने के फैसले से अब में तेंदुओं का संरक्षण हो सकेगा। इसके साथ ही चूरू मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर करने को भी मंजूरी मिली है। बैठक में जालौर जिले में सिवाना के सरकारी कॉलेज का नाम वीर नारायण परमार के नाम पर करने की मंजूरी दी है।