प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान मिशन को भले ही शहरी लक्ष्यों के मुताबिक क्रियान्विक नही कर सके लेकिन अमृत मिशन को धरातल पर लाने के लिए राजस्थान नंबर एक पर रहा हैं।
अटल मिशन फॉर अरबन रिजुवेनेशन एंड अरबन ट्रांसफॉरमेशन(अमृत) के तहत देश भर के एक लाख से अधिक आबादी बाले पांच सौ शहरों में पेयजल, सीवरेज, शहरी परिवहन और हरियाली विकास की योजनाएं प्रस्तावित हैं। अब तक केंद्र सरकार अमृत में करीब पचास हजार करोड़ रुपए की योजनाएं स्वीकृत कर चुकी हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हाल ही में सभी राज्यों की समीक्षा रिपोर्ट जारी की हैं। इस कुल स्वीकृत योजनाओं को मौके पर शुरू करने और उनकी निविदाएं जारी करने के मामले में राजस्थान 100 फीसदी अंकों के साथ पूरे देश में पहले स्थान पर हैं।
29 शहरो में 3200 करोड़ के प्लान
अमृत मिशन में प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले 29 शहरो को शामिल किया गया था। इन शहरों के विकास के लिए करीब 3200 करोड़ की योजनाएं तैयार की गई थी। केंद्र की ओर से मिशन के तहत योजनाओं की क्रियान्विति को लेकर तय किए गए मापदंडो में राजस्थान को शत प्रतिशत अंक मिले जबकि दूसरे स्थान पर कर्नाटक रहा। राजस्थान और कर्नाटक के अंकों में 15.20 फीसद का अंतर हैं । पूरी राशि हस्तांतरण के मामले में राजस्थान छह टॉपर राज्यों में शामिल हैं। राजस्थआन की सभी योजनाओं की जानकारी केंद्र के पोर्टल पर उपलब्ध हैं। प्रशासनिक व संस्थापन खर्च के लिए राजस्थान सहित तीन राज्यों को पूरी राशि जारी की जा चुकी हैं, जिसके चलते 14वें वित्त आयोजा का मूल अनुदान राजस्थान को मिल चुका हैं।
क्या हैं अमृत मिशन
छोटे शहरों एवं कस्बो में भी मूलभूत आवश्यकताओ से जुडी बहुत समस्याए है एवं उनके लिए कुछ खास प्रबंध नहीं, बहुत सी समस्याए है जिनको लेकर शहरों एवं कस्बो के लोगो को बहुत सारी समस्याए थी जैसे – पेयजल , बिजली , परिवहन इत्यादि लेकिन मोदी सरकार ने आते ही इन सब समस्याओ के निराकरण के लिए बहुत ही अच्छी सुविधा की घोषणा की जिसका नाम है “अमृत योजना ” यह मोदी सरकार का बहूत अनूठा प्रयास है शहरी एवं कस्बो के संपूर्ण विकास के लिए ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए इस अटल मिशन “अमृत योजना “का ऐलान किया । इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार छोटे शहरों व कस्बों को या फिर शहरों के कुछ अनुभागों को चुनेगी और वहां पर बुनियादी सुविधाएं स्थापित करेगी। मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिये 5000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
प्रधानमंत्री अमृत योजना का पूरा नाम “अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन ” है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2015 को लांच किया था। इस मिशन का उद्देश्य देश के सभी शहरों में पानी की जलापूर्ति और सीवेज कनेक्शन प्रदान करना है। वित्त वर्ष 2015 से पांच वर्ष के लिए अमृत पर 5000 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
अमृत परियोजना के अंतर्गत जिन कस्बों या क्षेत्रों को चुना जायेगा वहां बुनियादी सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी की सप्लाई, सीवर, सेप्टेज मैनेजमेंट, कूड़ा प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, ट्रांसपोर्ट, बच्चों के लिये पार्क, अच्छी सड़क और चारों तरफ हरियाली, आदि विकसित की जायेंगी। इनके अतिरिक्त ई-गवर्नेन्स के माध्यम से कई ऐसी सुविधाएं दी जायेंगी जो लोगों के जीवन को सुगम बनायेंगी। हर क्षेत्र के अंतर्गत नगर निकाय की कमेटियां होंगी, जो इस परियोजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी उठायेंगी।