प्रदेश में राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों के लिए 7 दिसंबर को एक चरण में मतदान होगा और 11 दिसंबर को परिणाम आएंगे। खास बात यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में करीब 70 लाख मतदाता राजस्थान में बढ़ गए हैं। करीब पांच साल में 69 लाख 46 हजार 727 मतदाता बढ़ गए हैं। राज्य निर्वाचन विभाग ने विधानसभा चुनाव-2018 के लिए मतदाताओं के अंतिम आंकड़े जारी कर दिए हैं। राज्य में इस बार निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं को जोड़ने के लिए काफी मशक्कत की है। इसका ही नतीजा है कि इतनी बड़ी संख्या में नए मतदाताओं को जोड़े गए हैं।
2013 के मुकाबले इस बार 214 ट्रांसजेंडर्स मतदाता बढ़े
राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा जारी किए गए नवीतनम मतदाता आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस बार कुल चार करोड़ 76 लाख 72 हजार 871 मतदाता हैं। इसमें 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 295 पुरुष और दो करोड़ 28 लाख 26 हजार 329 महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा वोटर्स के नवीनतम आंकड़ों में 238 ट्रांसजेंडर्स मतदाता भी हैं। राज्य में 2013 के मुकाबले इस बार 214 ट्रांसजेंडर्स मतदाता बढ़े हैं। 2013 में केवल 24 केवल ट्रांसजेंडर्स मतदाता थे। निर्वाचन विभाग ने 1.10 लाख सर्विस वोटर्स को पोस्टल बैलट जारी किए हैं। सर्विस वोटर इन्हें भरकर वोट दे सकेंगे।
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राज्य निर्वाचन विभाग ने किए नवाचार, परिणाम सबके सामने
2018 के विधानसभा चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने नए मतदाता जोड़ने के लिए काफी मजबूत प्रयास किए हैं। 18 वर्ष आयु पूरी कर चुके युवाओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए ग्राम स्तर से स्कूल और कॉलेजों में शिविर तक लगाए गए हैं। इस बीच प्रदेशभर में कई विधानसभा क्षेत्रों में फेक वोटर्स की सूचना पर बार-बार मतदाता सूचियों में संसोधन भी किया गया। निर्वाचन विभाग ने इसके लिए आपत्तियां मांगी। जिन मतदाताओं के नाम दो या तीन जगह थे उन्हें फौरन हटाया गया। लोकतंत्र के इस बड़े उत्सव में आमजन की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से कई नवाचार अपनाए गए हैं जिसका परिणाम है कि 70 लाख नए मतदाता सूची में जुड़ गए हैं।