प्रदेश में पशु-पक्षियों के कल्याण के लिए 18 दिवसीय पशु कल्याण पखवाड़ा अगले माह में शुरू होगा। पशुपालन विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी 14 जनवरी से 31 जनवरी 2019 तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान राज्यभर में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पशु पक्षियों के कल्याण के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में पशु कल्याण के लिए पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। पशु कल्याण पखवाडे के दौरान सूचना मिलने पर मौके पर जाकर रोगी एवं घायल पशुओं को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
पशु कल्याण पखवाड़े के दौरान प्रत्येक जिले में होंगे ये पशु कल्याण कार्य
पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ. शैलेश शर्मा ने बताया कि पशु कल्याण पखवाड़े के अवसर पर विभाग द्वारा सभी जिलों में प्रत्येक पशुचिकित्सा संस्था पर एक-एक बांझ निवारण एवं पशु शल्य चिकित्सा शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा पशुओं को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने बताया कि शिविरों के माध्यम से पशुपालकों तथा गोशालाओं के पशुओं को कृमिनाशक औषधि पिलाने, संबंधित क्षेत्र की गौशालाओं एवं पशुपालकों के पशु बाड़े में जाकर ठण्ड से पीड़ित पशुओं को राहत देने संबंधित आवश्यक उपाय करवाने तथा ग्राम में संचालित पशु खेलियों की सफाई तथा रंगरोगन कराकर पुनः पानी भरवाना सुनिश्चित करने का काम किया जाएगा। शिविरों के माध्यम से पशु क्रूरता के संबंध में सामान्य जन को आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस तथा 30 जनवरी को सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाएगा
पशु पालन विभाग निदेशक डॉ. शर्मा ने बताया कि पशु कल्याण पखवाड़ा के सफल आयोजन के लिए जिला स्तर अधिकारियों को प्रत्येक तहसील अथवा पंचायत समिति स्तर पर पशु कल्याण गोष्ठी आयोजित करने के निर्देश विभाग द्वारा दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिले की समस्त पशु चिकित्सा संस्थाओं को अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं, एवं गौशालाओं में चेतना शिविर तथा गोष्ठियां एवं पशु कल्याण जन जागृति रैली आयोजित करवाने के लिए भी निर्देशित किया गया है। इस अवसर पर जन जागरण के माध्यम से पशु गाड़ियों में क्षमता से अधिक भार ढ़ोने से रोकने का प्रयास भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पशु पखवाड़े के दौरान 26 जनवरी गणतंत्र दिवस तथा 30 जनवरी को सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। साथ ही इस दौरान विभिन्न पशुकल्याण आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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मकर संक्रान्ति के दिन घायल पक्षियों को मिलेगी तत्काल चिकित्सा
डॉ. शर्मा ने बताया कि पतंग बाजी के दौरान घायल पक्षियों के संरक्षण के लिए मकर संक्रान्ति के दिन प्रातः 7 बजे से सांय तक चिन्हित विभिन्न स्थानों पर शिविर आयोजित कर उनकी तत्काल चिकित्सा सुनिश्चित करने के निर्देश भी प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा पक्षियों को चोटिल होने से बचाने के लिए पतंगों में इस्तेमाल होने वाले घातक चाईनिज मांझे पर प्रतिबंध व प्रातः दस बजे से पहले तथा सांय 4 बजे के बाद पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।