जयपुर। राजस्थान में रेप और गैंगरेप के मामले थमने का होने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजस्थान लगातार दूसरे साल दुष्कर्म के मामलों में नंबर वन बना हुआ है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक राजस्थान में वर्ष 2020 में भी 5310 मामले दर्ज हुये हैं। ये देश में सबसे ज्यादा हैं। रेप और गैंगरेप की हैवानियत भरी वारदातों के कारण राजस्थान देशभर में कई बार बदनाम हो चुका है।
43 फीसदी झूठे और 31 फीसदी बयान से मुकरे
वहीं, राजस्थान पुलिस के डीजीपी का दावा है कि यहां फ्री रजिस्ट्रेशन के कारण अपराध के आंकड़े बढ़े हैं। रेप के 43 फीसदी मामले तो झूठे पाये गये हैं। वहीं इनमें भी 31 फीसदी मामलों में तो परिवादी 164 के बयानों में ही मुकर गई। डीजीपी एमएल लाठर का कहना है कि यहां फ्री रजिस्ट्रेशन के कारण अपराध के आंकड़े बढ़े हैं।
95 फसीदी केस में परिचित ही दुष्कर्मी
सबसे अधिक 5,310 केस राजस्थान में दर्ज किए गए। यूपी में 2,769, महाराष्ट्र में 2,061 और असम में 1,657 दर्ज हुए। इनमें 25,498 पीड़िता वयस्क और 2,655 नाबालिग थीं। राजस्थान में दुष्कर्म के 5310 केस दर्ज हुए है। जिनमें से 264 अनजान, 721 पारिवारिक सदस्य, 1531 दोस्त या शादी का झांसा और 2794 केस पड़ोसी पर दर्ज किए गए। यानी रोजाना 15 केस रिकॉर्ड किए गए।
दहेज: 6,966 की महिलाओं की मौत
दहेज के मामले 6,966 की महिलाओं की मौत हो चुकी है। 2020 में 3 लाख 71 हजार, 503, 2019 में 4 लाख 5 हजार 326 और 2018 में 3 लाख 78 हजार 236 महिला अपराध दर्ज किए गए।
15 साल की बेटी का 2 लाख में सौदा: डेढ़ साल तक किया रेप, अबॉर्शन भी कराया
जयपुर में एक मां ने अपनी 15 साल की बेटी को दो लाख रुपए में बेच दिया। उसकी शादी 12 साल बड़े एक लड़के से जबरन करा दी। पति भी नाबालिग का करीब डेढ़ साल तक रेप करता रहा। गर्भवती हुई तो उसका अबॉर्शन करा दिया। परेशान होकर पीड़ित लड़की पुलिस के पास गई और पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने उसकी मां और पति को गिरफ्तार कर लिया।