प्रदेश में 7 माह की बच्ची से दुष्कर्म के एक मामले में न्यायपालिका ने नजीर पेश की है। एससी-एसटी कोर्ट ने मामले में लगातार 22वें दिन सुनवाई करते हुए आरोपी को सज़ा-ए-मौत का फैसला सुनाया है। सात माह की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र निवासी पिंटू पुत्र सोहनलाल डाकोत को शनिवार को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। बुधवार को विशिष्ट न्यायाधीश (अजा-अजजा अत्याचार निवारण प्रकोष्ठ) एवं पोस्को अधिनियम के पीठासीन अधिकारी जगेंद्र अग्रवाल ने पिंटू को मामले में दोषी ठहराते हुए शनिवार को सजा सुनाने की बात कही थी। इस बहुचर्चित मामले में आरोपी को दी जाने वाली सजा पर लोगों की नजरें टिकी हुई थी। राजस्थान का यह पहला मामला है, जिसमें मात्र 2 माह और 11 दिन में आरोपी को सजा सुना दी गई है।
राजस्थान में पहली बार, देश में तीसरी बार दुष्कर्मी को फांसी की सज़ा
प्रदेश में दुष्कर्म के मामले में पहली बार कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। दांडिक विधि संशोधन अध्यादेश लागू होने के बाद अल्पावधि में सुनवाई पूरा करने का प्रदेश का यह पहला मामला है। विशिष्ट लोक अभियोजक कुलदीप कुमार जैन ने बताया अदालत ने मामले में स्पीडी ट्रायल अपनाते हुए दिन प्रतिदिन सुनवाई शुरू की थी। इस दौरान 21 गवाहों के बयान अभियोजन की ओर से दर्ज करवाए गए। बचाव पक्ष की ओर से आरोपी युवक की पत्नी के बयान दर्ज करवाए गए। मंगलवार को बहस पूरी हो जाने के बाद बुधवार को अदालत ने आरोपी युवक पिंटू को दोषी मानते हुए सजा के लिए 21 जुलाई की तारीख तय की थी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में प्रदेश में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म मामले में मृत्युदण्ड का प्रावधान किया है।
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दृष्टिहीन ताई से छीनकर मासूम को बनाया दुष्कर्म का शिकार
यह मामला गत 10 मई, 2018 का है। अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के हरसाना गांव का 19 वर्षीय पिंटू भराड़ा दृष्टिहीन ताई की गोद से 7 माह की बच्ची को छीनकर ले गया था। बाद में उसने गांव के जोहड़ के पास ले जाकर मासूम से दरिंदगी की। घटना का पता चलने पर ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इस वारदात के समय पीड़ित बच्ची की मां पानी लेने के लिए गई हुई थी। इस दौरान अपनी वह सात माह की बेटी को दृष्टिहीन जिठानी के पास छोड़कर गई थी। तभी दरिंदा पिंटू आया और दृष्टिहीन ताई की गोद से बच्ची को छिनकर अपनी हवस का शिकार बनाया। केंद्र सरकार की ओर से पोक्सो एक्ट में हाल ही किए गए नए संसोधन के बाद 12 वर्ष के कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। इस आरोपी के खिलाफ भारतीय धारा 363, 366, 376 ए बी 5एम/6 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था।