प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा वित्त वर्ष बजट में किसानों को केन्द्र में रखकर ऐतिहासिक कर्जमाफी की घोषणा की गई। राजस्थान जैसे बड़े और आर्थिक रूप से कृषि आधारित राज्य में बड़ी संख्या में किसानों का कर्जमाफ करना किसी भी मुख्यमंत्री के लिए बड़ा साहस का काम था। लेकिन सीएम राजे ने किसानों को ध्यान में रखते हुए उनके हित में यह बड़ी घोषणा की। राजे की ऐतिहासिक घोषणा कि सबसे अच्छी बात यह है कि इस पर बहुत ही जल्द काम शुरू किया गया और मई माह की शुरूआत से लगातार किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक शिविरों के माध्यम से प्रदेश में करीब 17 लाख किसानों का कर्जमाफ किया जा चुका है। राजे सरकार की फ़सली ऋणमाफी योजना में 29 लाख से ज्यादा किसानों का कर्जमाफ किया जाना है। राज्य सरकार अगस्त माह के मध्य तक सभी पात्र किसानों को ऋणमाफी प्रमाण-पत्र दे देगी।
फ़सली ऋणमाफी योजना के लिए 15 अगस्त तक लगाए जाएंगे शिविर
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हाल ही हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में फैसला लिया कि प्रदेश के सभी 29.21 लाख लघु व सीमांत किसानों के 50 हजार तक के कर्ज 15 अगस्त तक माफ कर दिए जाएंगे। बता दें, राजस्थान सरकार द्वारा इससे पहले कर्जमाफी शिविर 30 जून तक ही लगाए जाने थे, लेकिन इस अवधि में प्रदेश के सभी पात्र किसानों को लाभान्वित नहीं किया जा सका था। जिसके बाद अब कैबिनेट ने इसे बढ़ाकर 30 जून की जगह 15 अगस्त कर दिया है। यानि प्रदेश में अब 15 अगस्त तक ऋणमाफी शिविर लगाकर बाकी बचे किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
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राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी सरकार
कैबिनेट की बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 4361 कैंप के जरिए 16.56 लाख किसानों का 5077 करोड़ रुपए का कर्जमाफ किया जा चुका है। शेष 12 लाख 65 हजार किसानों के कर्ज एक माह में माफ कर दिए जाएंगे। इसके अलावा आगामी तीन साल तक राज्य सरकार 2-2 हजार करोड़ रुपए कर्जमाफी राशि के पेटे अपेक्स बैंक को देगी। तब तक के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से 5 हजार करोड़ रुपए का ऋण लेने का निर्णय कैबिनेट ने किया, इसमें सरकार गारंटर होगी। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में तीसरी संतान पर नौकरी से वीआरएस नहीं देने, 1650 नए होम गाड्र्स की भर्ती कलेक्टरों के जरिए कराने, संस्था व समाजों को रियायती दर पर जमीन आबंटन तथा नर्सिंग ग्रेड-1 और 2 पद को मर्ज करने सहित अन्य फैसले भी लिए गए हैं।