राजस्थान में मौसम के बदलते गर्म मिजाज ने अचानक से मोड़ लेते हुए करवट बदली है। मकर संक्रांति के बाद मौसम में गर्माहट आने लगी थी लेकिन मंगलवार को हवाओं का रूख बदल दिया। इसी के साथ प्रदेश में मौसम ने ठंड और कोहरे की चादर ओढ़ ली। साथ ही बारिश की बूंदों ने धरा को जमकर गीला किया। यह मावठ नहीं है लेकिन हल्की बारिश के बाद मावठ आने की संभावना तेज हो गई है। राजस्थान के कुछ इलाकों में चने के आकार के ओले गिरने की खबर भी मिली है। अल्प सुबह बादलों ने अपना आगोश बनाए रखा और तेज आवाज के साथ बिजली कड़कती रही। सुबह करीब 7 बजे बूंदों के साथ बारिश शुरू हो गई। आधे घंटे की बारिश ने राजधानी सहित प्रदेशभर को भिगा दिया।
इस बारिश के साथ ठंड फिर से एक बार लौट आने की उम्मीद है। आज सुबह से ही धूजणी छूटने लगी। सुबह 11 बजे तक सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहे। अचानक आए मौसम में बदलाव से प्रदेशवासी घरों में दुबके रहे। एक बार फिर से सड़कों पर अलाव जलाते हुए लोग और हैडलैंप आॅन कर चलती हुई गाड़ियां देखी गईं। कोहरा छाने से गाड़ियों की रफ्तार काफी कम रही। न्यूनतम तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की कमी दर्ज की गई है। अगले 48 घंटों में प्रदेश के कई इलाकों में मेघगर्जन के साथ मावठ होने के आसार हैं। रात के तापमान में और गिरावट होने की संभावना जताई जा रही है।
श्रीगंगानगर में ओले गिरे, फसलों को नुकसान
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ तहसील के कई गांवों में रूक-रूक कर हुई बारिश के दौरान चने के आकार के ओले भी गिरने की सूचना मिली है। ग्रामीणों ने बताया कि ओले गिरने का दौर करीब एक मिनट तक चला। रूक-रूक का बारिश का दौर फिलहाल जारी है। अगर आगे भी ओलावृष्टि होती है तो खेतों में खड़ी गेहूं, सरसो और चने की फसल को नुकसान हो सकता है।
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