आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने अपने पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए बहुत सोची-समझी रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है। वैसे तो कांग्रेस द्वारा हालिया पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से ही झूठ के सहारे लोगों को अपनी ओर खींचने की शुरूआत हो चुकी थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान में किसान कर्ज़ माफ़ी की घोषणा की। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का सम्पूर्ण कर्ज़ा उनकी पार्टी की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर माफ़ कर दिया जाएगा। राहुल ने यही बात मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी दोहराई। राहुल गांधी ने यह बड़ा झूठ इसलिए बोला क्यूंकि तीनों ही राज्यों के 70 प्रतिशत से ज्यादा वोटर किसान और ग्रामीण वर्ग से आते हैं। किसानों को राहुल गांधी द्वारा की गई किसान कर्ज़ माफी की घोषणा एक बड़ा सपना पूर्ण होने जैसी लगी, और फिर तीनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें बनवा दीं। राहुल ने पूर्ण कर्ज़माफी का जो वादा कर दिया था। लेकिन अब तक किसानों का ऋण माफ़ नहीं हुआ है जबकि इन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बने करीब 50 दिन हो गए है। पहला वादा अभी तक पूरा हुआ नहीं कि राहुल ने एक और बड़ी घोषणा कर गरीबों को सब्जबाग दिखा दिया है।
भोले-भाले किसानों को झांसे में लेने का काम रह रहे हैं राहुल गांधी
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस बात को अच्छे से समझ चुके हैं कि अगर सत्ता में वापसी करनी है तो किसानों और ग्रामीणों को झांसे में लिया जाए। इसके पीछे का कारण यह है कि देश में आज भी 70 प्रतिशत से अधिक आबादी गांवों मे निवास करती है। देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और अधिकांश लोग कृषि व पशुपालन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। ऐसे में बड़े लालच के चक्कर में ग्रामीण किसान आसानी से राजनीतिक दलों के झांसे में आ जाते हैं। निराश करने वाली बात यह है कि ग्रामीण राहुल गांधी की बातों में बड़ी आसानी से फंस जाते हैं। जबकि वे उसी कांग्रेस से आते हैं, जिसके नेताओं ने मनमोहन सरकार में करोड़ों अरबों के कई बड़े घोटाले किए हैं। खुद राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी दोनों नेशनल हेराल्ड मामले में 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलका भरने के बाद जमानत पर चल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के वादों पर यकीन करना ठीक नहीं है।
राहुल ने रायपुर में न्यूनतम आय गारंटी की घोषणा की
जनता से पहले किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नए सपने दिखा दिए हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में न्यूनतम आय गारंटी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ‘हम एक ऐतिहासिक फैसला लेने जा रहे हैं, जो दुनिया की किसी भी सरकार ने नहीं लिया है। 2019 का चुनाव जीतने के बाद देश के हर गरीब को कांग्रेस पार्टी की सरकार न्यूनतम आमदनी गारंटी देगी। हर गरीब व्यक्ति के बैंक खाते में न्यूनतम आमदनी रहेगी।’
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अब राहुल गांधी की बात पर जनता कैसे यकीन कर ले कि ऐसा होगा। एक तो भारत जैसे 135 करोड़ लोगों के देश में यह करना आसान नहीं है दूसरा, यह कि राहुल गांधी पूर्व में किए गए किसी भी वादे पर अभी तक खरा नहीं उतरे हैं। ऐसे में उनके लोकसभा चुनाव से पहले किए जाने वाले ये वादे लोक लुभावन वाले नज़र आते हैं। इधर, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज़ माफ़ी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने क्या मोदी सरकार के भरोसे कर्ज़ माफ़ करने की घोषणा की थी? इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि जनता का भला इसी में है कि राहुल बाबा के खोखले वादों से बचें।