अंडर-17 हॉकी टूर्नामेंट की बेस्ट प्लेयर आॅफ द टूर्नामेंट, 7 मैचों में 10 गोल और कई सारे मैडल। कुछ इसी तरह की उपलब्धियां जमा हैं श्रीगंगानगर की पूजा विश्नोई के खाते में। मैदान पर अपनी फुर्ती और तेजी के लिए पूजा को अंडर-17 की मेजर ध्यानचंद कहा जा सकता है। पूजा के साथ वहीं कहावत दोहराई जाती है जिसके अनुसार हिन्दुस्तान गांवों में बसता है और वहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है, बस जरूरत है तो उसे परखने की। एक बार गेंद हाथ आ गई तो गोल करके ही दम लेती है। पूजा विश्नोई उसी गांव से संबंध रखती है जिसने वुमन हॉकी टीम को कई दिग्गज दिए हैं। 7 सात साल की उम्र में पहली बार हॉकी स्टिक पकड़ने वाली पूजा श्रीगंगानगर के पदमपुर के डेलवा गांव की है जिसका आज राज्य स्तरीय टीमों में चयन हो चुका है। पूजा अंडर-14 व अंडर-17 में प्रदेश सहित कई मेडल अपने नाम कर चुकी है।
अंडर-17 में श्रीगंगानगर को विजेता बनाया
पूजा विश्नोई इस बार राज्यस्तरीय हॉकी टूर्नामेंट अंडर-17 में श्रीगंगानगर को विजेता तो बनाया ही, साथ ही बेस्ट खिलाड़ी का अवॉर्ड भी अपनी झोली में डाल लिया। अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी वुमन टीम में पदमपुर की नवदीप उसकी रोल मॉडल है। पूजा का सपना है कि जिस तरह नवदीप आज खेल रही है, वैसे ही वह भी भारतीय हॉकी टीम में खेले और देश के साथ प्रदेश का नाम भी रोशन करे।
हॉकी खेलने की प्रेरणा भाई से मिली, पिता ने किया सपोर्ट
अपने भाई को हॉकी खेलते देख पूजा को भी हॉकी खेलने का चसका लगा। पूजा की लगन व मेहनत देखकर भाई उसे खेल के गुर सिखाने लगा। पूजा के पिता ने भी इस बारे में उसका सपोर्ट किया। बाद में कस्बे के एसएल स्कूल के कोच ने उसे ट्रेनिंग देना शुरू किया। उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उसे खुशी है कि वह श्रीगंगानगर जिले के लिए मैडल लाने में कामयाब हो पाई है।
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