जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई में राजस्थान के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में आठ अधिकारियों और सात दलालों से 1.20 करोड़ रुपये नकद और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिलने के बाद प्रदेश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। इस मामले को लेकर भाजपा जहां परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रही हैं। वहीं, सत्तारूढ़ दल कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। इसी बीच, परिवहन मंत्री ने कहा कि मुझे किसी को कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है।

प्रशासन संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह होना चाहिए
एसीबी की कार्रवाई के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि प्रशासन संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह होना चाहिए, लेकिन वो मेरे अकेले के कहने से नहीं होता है। इसके लिए हमारे मंत्रिमंडल के साथी, सभी विधायक, ब्यूरोक्रेसी के लोग सबको मिलकर ये संकल्प लेना होगा कि जिस जनता ने हमें यहां बड़े पदों पर बैठाया है। उन सबकी ड्यूटी है कि जनता की सुनवाई हो। चाहे वो ब्यूरोक्रेसी हो या जननेता। सरकार की भावना है कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन की भावना हो। मुख्यमंत्री के इस बयान को एसीबी कार्रवाई के बाद जोड़कर देखा जा रहा है। गहलोत ने यह भी कहा कि हम चाहेंगे कि जनता की सुनवाई सर्वोपरि हो और जो कर्मचारी-अधिकारी उसमें कोताही बरतेगा, सरकार की नजर उस पर रहेगी।

मुझे किसी को कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है : खाचरियावास
इस मामले में सरकार सफाई देती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री से मिलकर विधानसभा पहुंचे परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से रोज मुलाकात होती रहती है। मैं उनके कैबिनेट का मंत्री हूं। इसलिए रोज मुलाकात होती रहती है। मुझे किसी को कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है। एसीबी अगर कार्रवाई करती है तो मुख्यमंत्री और मंत्री की इच्छा से ही करती है। एसीबी हमारे अंडर में है, हम एसीबी के अंडर में नहीं है। एसीबी राजस्थान सरकार के अंडर में आती है। उन्होंने कहा कि निर्दोष को डरने की जरूरत नहीं है। मुझे लड़ना और मरना दोनों आता है। मैं हकीकत में जीता हूं। मैंने अपने विभाग के अधिकारियों से कहा है कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।

 

नैतिकता बची है तो मुख्यमंत्री परिवहन मंत्री को बर्खास्त करे
परिवहन विभाग के अफसरों पर एसीबी की कार्रवाई के बाद विपक्ष ने सरकार को घेर रखा है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ और मदन दिलावर ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि थोड़ी भी नैतिकता बची है तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे परिवहन मंत्री को बर्खास्त करे।

क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि गत रविवार को एसीबी ने दलालों के माध्यम से वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर परिवहन विभाग के अफसरों द्वारा मासिक बंधी लेने का बड़ा खुलासा किया था। एसीबी ने दो जिला परिवहन अधिकारियों व छह इंस्पेक्टर के अलावा सात दलालों को हिरासत में लेकर सर्च अभियान चलाया। देर रात तक 1.20 करोड़ रुपये नकद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज तथा दलालों से रिश्वत के लेनदेन की सूचियों सहित अहम सुबूत मिले। तीन इंस्पेक्टर फरार बताए गए हैं। इस मामले में सोमवार को परिवहन विभाग के आठ अफसरों और सात दलालों को गिरफ्तार किया गया।