जयपुर। राजस्थान के 3,878 भावी सरपंचों के सपनों पर एक बार फिर पानी फिर गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार व राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वह प्रदेश में चौथे चरण के पंचायत चुनाव 15 अक्टूबर से पहले कराएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव एक बार फिर आगे खिसक सकते हैं। शीर्ष कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को अक्टूबर के अंत तक चुनाव करवाने की छूट दी है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने देश की शीर्ष अदालत से चुनाव के लिए समय मांगा था। चीफ जस्टिस सहित तीन जजों की खंडपीठ ने यह आदेश बुधवार को राज्य चुनाव आयोग की अर्जी को निस्तारित करते हुए दिया।
चुनाव आयोग ने कोरोना का दिया हवाला
चुनाव आयोग ने महामारी कोरोना का हवाला देते हुए अर्जी दायर कर कहा था कि मौजूदा परिस्थितियों में चुनाव कराया जाना संभव नहीं है। ऐसे में चुनाव कराने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के वकील की दलील को मानते हुए अक्टूबर तक चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। पहले पंचायत चुनाव अगस्त माह में संभावित माने जा रहे थे। लेकिन कोरोना के प्रकोप को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं कर पा रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आयोग को राहत मिल गई है और चुनाव खिसकना लगभग तय सा हो गया है। ऐसे में चुनाव की उम्मीद लगाए बैठे भावी सरपंचों के सपनों पर कुछ समय के लिए विराम लग गया है।
3878 पंचायतों में होंगे चुनाव
कोविड: 19 महामारी के चलते पंचायतों के चुनाव कराया जाना संभव नहीं हुआ। जिस पर शीर्ष अदालत ने चुनाव कराने के लिए जून तक का समय दिया। यह अवधि खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने पुन: चुनाव की अवधि बढ़वाने के लिए अर्जी दायर की थी। बता दें कि चौथे चरण में करीब 3878 पंचायतों में चुनाव कराए जाने हैं।
इन जिलों में होंगे चौथे चरण के चुनाव
पंचायतों के चौथे चरण के चुनाव जिन जिलों में होने हैं उनमें अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, चूरू, दौसा, धौलपुर है। इसके अलावा हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, झुंझुनू, करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, उदयपुर और श्रीगंगानगर जिलों की पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव होने हैं।