प्रदेश के सभी जिलों में ओपन जेल की व्यवस्था कर बन्दियों को स्थानान्तरित किया जाएगा। ओपन जेल के साथ ही न्यायालय में पेश करने के लिए सभी जिलों में 20-22 व्यक्तियों की क्षमता की बसें उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री गुलाबचन्द कटारिया की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में आयोजित राजस्थान कारागार विभाग की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी। उन्होंने कारागार विभाग में रिक्त पदों की विस्तार से समीक्षा की एवं यथाशीघ्र भरने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह दीपक उप्रेती एवं अतिरिक्त महानिदेशक कारागार डॉ. भूपेन्द्र सिंह सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।
ओपन जेल बनाकर बंदियों को उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार
गृहमंत्री कटारिया ने प्रदेश में कारागारों की स्थिति एवं उनमें मौजूद बंदियों की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। मार्च 2018 में प्रदेश के 128 कारागारों में कुल 19 हजार 713 बन्दी थे। प्रदेश के कारागारों में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख बंदियों की आवक जावक होती है। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में एक.एक ओपन जेल चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। गृहमंत्री कटारिया ने कहा कि ओपन जेल उन स्थानों पर बनायी जाए, जहां बंदियों को रोजगार मिल सके अथवा जेल उधोगों के द्वारा बन्दियों को रोजगार दिया जा सके। गृहमंत्री ने कारागार विभाग में मौजूद मेनपॉवर का बेहतर प्रबन्धन करने के साथ करने के साथ ही कारागारों के रख रखाव को सुधारने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कारागारों के कर्मचारियों के लिए आवासए उनके बच्चों के लिए स्कूलए पार्क इत्यादि की समुचित व्यवस्थाएं कराने के प्रस्ताव भी भिजवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आबादी क्षेत्र में स्थित कारागारों को आबादी से बाहर स्थानान्तरित करने के लिए की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की।
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23 कारागारों में 40 बैरिक्स का निर्माण कार्य पूर्ण होने से बन्दी क्षमता में हुई वृद्धि
गृहमंत्री कटारिया ने बताया कि प्रदेश के 23 कारागारों में 40 बैरिक्स का निर्माण कार्य पूर्ण होने से बन्दी क्षमता में 1645 की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि झालावाड़ कारागार में 2 बैरिक्स का निर्माण कार्य भी अगले माह तक पूर्ण होने से बन्दी क्षमता में 111 की अतिरिक्त वृद्धि होगी। गृहमंत्री ने न्यायालय के समक्ष पेश किए गए बंदियों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कुछ जिलों में पेश किए गए बंदियों का प्रतिशत कम होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों की अलग से बैठक आयोजित कर पेश किए किए बंदियों का प्रतिशत बढाने के निर्देश भी दिए। इन जिलों में सवाई माधोपुर, अलवर, जयपुर, जोधपुर व बीकानेर शामिल हैं।