राजस्थान सरकार ने विवाह के बाद सरनेम बदलने की चाहत रखने वाली महिलाओं को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने विवाह के बाद सरनेम बदलने में आ रही अड़चनों को सरल कर दिया है। अब अगर किसी भी महिला कर्मचारी की शादी टूटती है या फिर कुछ और वजह से वह अपना सरनेम बदलना चाहे तो आसानी से अपना सरनेम व मेडननेम बदल सकती है। हाल ही वित्त विभाग, राजस्थान सरकार ने 1967 के नियमों में संशोधन कर दिया है। बता दें, नियमों में संशोधन के बाद अब सरनेम बदलने की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई है।
महिलाएं अथॉरिटी के समक्ष औपचारिक अनुरोध कर बदल सकेंगी सरनेम एवं मेडननेम
राजस्थान में नियमों में संशोधन के बाद अब महिलाएं राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अथॉरिटी के समक्ष महज औपचारिक अनुरोध कर अपना सरनेम एवं मेडननेम आसानी से बदल सकती हैं। सरकार के नियमों में सुधार को हरी झंडी देते ही प्रदेश की महिला कर्मचारियों को अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने इसके नियमों में संशोधन के लिए गुरुवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्त महिलाएं सरनेम तथा मेडननेम बदल सकती है।
वित्त विभाग ने राजस्थान सेवा नियम 8 ए को किया सरल
जानकारी के अनुसार, राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने इस संबंध में राजस्थान सेवा नियम 8 ए को सरल बना दिया है। अब राज्य की तलाकशुदा, विधवा एवं परित्यक्त महिलाएं प्रथम नाम जैसे श्रीमती आदि बदल सकती है। हालांकि, एजुकेटेड लड़कियां शादी के बाद अक्सर अपना सरनेम बदलती हैं। अधिकांश देशों में पारंपरिक तौर पर महिलाओं को विवाह के बाद अपने पति का सरनेम ही अपनाना पड़ता है। यहां तक की जापान में इसको कानूनी मान्यता मिली हुई है और दुनिया के कई देशों में भी इसी तरह की व्यवस्था है। जहां शादी के महिला को अपने पति का सरनेम अपनाना पड़ता है।
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