कैलाश सत्यार्थी जिन्हें 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है, ने कौन बनेगा करोड़पति के ग्रैंड फिनाले में हॉट सीट संभाली। कौन बनेगा करोड़पति का यह 9वां सीज़न है। कार्यक्रम में सत्यार्थी अपनी पत्नी सुमेधा के साथ पहुंचे थे। कैलाश सत्यार्थी को केबीसी 9 के शो पर अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। सत्यार्थी बाल-श्रम के विरुद्ध और बाल अधिकारों पर लगातार कैंपेन चलाने के लिए जाने जाते रहे हैं। शो के इस एपिसोड में कैलाश सत्यार्थी के साथ खुद शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने भी अपनी जिंदगी के कुछ खास अनुभवों को दर्शकों के बीच शेयर किया। कौन बनेगा करोड़पति गेम को खेलते हुए कैलाश सत्यार्थी ने यहां से 50 लाख रुपए की धनराशि जीती। एक करोड़ के सवाल का जवाब न आने पर उन्होंने गेम क्विट करने का फैसला लिया। सत्यार्थी जीती हुई राशि को बच्चों के कल्याण के लिए खर्च करना चाहते हैं। सत्यार्थी के सम्मान में अमिताभ बच्चन ने उनका स्वागत यूफोने म्यूजिकल बैंड के जरिए किया। यह एपिसोड सोमवार को प्रसारित हुआ था।
कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर कैलाश सत्यार्थी ने देश में बच्चों के साथ समाज में हो रही ज्यादती की जो कहानी सुनाई उसने सबको झकझोर के रख दिया। उन्होंने कुछ ऐसे बच्चों के बारे में भी शो पर बताया जिन्हें उन्होंने दिल्ली के किसी नगीने बनाने वाली कंपनी से छुड़ाया था और उन बच्चों ने पिछले तीन सालों से सूरज की रोशनी तक नहीं देखी थी। वजह थी कि उन्हें एक अंधेरे कमरे में रखा जाता था। एक सर्कस में 13-14 साल की बच्चीयों के साथ हो रहे शारीरिक शोषण की कहानी भी उन्होंने मंच से साझा की जो वाकई में दिल दहलाने वाली थी।
आपको बता दें कि कैलाश सत्यार्थी को मासूमों के मसीहा के तौर पर जाना जाता है। कैलाश सत्यार्थी भारत में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) का संचालन करते हैं। यह एनजीओ बाल श्रम और बाल तस्करी में फंसे बच्चों को मुक्त कराने की दिशा में कार्य करता है। कैलाश सत्यार्थी बाल-श्रम के विरुद्ध और बाल अधिकारों पर लगातार कैम्पेन चलाते आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भारत यात्रा भी की जिसमें काफी लोगों ने हिस्सा लिया।
अमिताभ ने सुनाई अपने सरनेम की कहानी
कौन बनेगा करोड़पति के होस्ट अमिताभ बच्चन ने ग्रैंड फिनाले के एपिसोड में कैलाश सत्यार्थी के सामने अपने सरनेम बच्चन की कहानी साझा की। अमिताभ ने बताया कि उनके पिता हरिवंश राय का सरनेम बच्चन नहीं बल्कि श्रीवास्तव था। मुझे बचपन से ही घर और पड़ौस के लोग बच्चा-बच्चा कहा करते थे और इसलिए मेरे पिताजी ने उनका सरनेम बच्चन रख दिया। अभिताभ उनके परिवार के पहले शख्स हैं जिन्हें बच्चन सरनेम मिला था।
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