राजस्थान के कई जिलों में पेयजल की बढ़ती डिमांड को देखते हुए एक नई पाइप लाइन को मंजूरी मिल गई है। इस योजना की लागत करीब एक हजार 454 करोड़ रूपए आनी है। इस योजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। जल्दी ही इस योजना पर काम होगा। जोधपुर, पाली और बाड़मेर जिले के करीब 2108 गांवों व कस्बों को इस योजना से लाभ प्राप्त होगा। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट को आने वाले 35 सालों को देखते हुए तैयार किया जाएगा। यानि अभी से लेकर साल 2051 तक के पेयजल के संभावित हालातों को देखते हुए यह प्रोजेक्ट तैयार होगा और उस समय तक करीब 31 लाख जनसंख्या को पीने का पानी उपलब्ध होगा। इस योजना के तहत करीब 750 एमएलडी पानी की सप्लाई होगी।
किनको होगा फायदा
नई पाइन लाइन डलने से और इस प्रोजेक्ट से जोधपुर के 1836 गांव व 4 कस्बों, बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बे व इससे जुड़े 176 गांव, पाली जिले के रोहट कस्बे व 79 गांव और जैतारण के 13 गांवों को फायदा होगा। पीएचईडी वर्तमान में जोधपुर जिले की 13 लाख 50 हजार जनसंख्या को पानी सप्लाई कर रहा है। 2051 तक करीब 31 लाख जनसंख्या को इस प्रोजेक्ट से सीधे लाभ पहुंचेगा।
क्या होगा प्रोजेक्ट में
इस प्रोजेक्ट में 1800 से 2000एमएम की पाइन लाइन मदासर से इंद्रोका तक बिछाई जाएगी। 1.61 करोड़ की डीपीआर सरकार ने इसके लिए जारी कर चुकी है। 1100एमएम की 17 किमी की पाइप लाइन इंद्रोका से हाथी नहर तक बिछेगी। 2051 तक मदासर से इंद्रोका तक पाइप लाइन के जरिए जलापूर्ति शुरू होगी।
33केवी के 5 जीएसएस बनेंगे
आपको बता दें कि पूर्व में राजस्थान सरकार ने कैनाल निर्माण के लिए सर्वे कराया था जिसकी लागत 2 हजार 400 करोड़ रूपए आंकी गई थी। बढ़ते हुए इंडस्ट्री इलाकों को देखते हुए भी इस योजना की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में शहर में 2356.15 हैक्टयेर में इंडस्ट्री का डवलपमेंट है जो 2031 तक बढ़कर करीब 14928.93 हैक्टेयर तक फैलने की उम्मीद है। ऐसे में इंडस्ट्रीज को पानी को करीब 46.60 एमएलडी पानी रि-साइकिल करके उपलब्ध कराया जाएगा। पानी की सप्लाई को सुचारू रखने के लिए बोड़ाना, तालरिया, कानासर, शेखासर व मोड़ा में 33केवी के 5 जीएसएस बनाए जाएंगे।
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