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देशभर में राष्ट्रपति चुनाव की हलचल तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने राष्ट्रपति पर के लिए अपने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए है। जहां एनडीए ने अपना प्रत्याशी बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को बनाया है तो वहीं यूपीए ने अपने 18 घटक दलों की सहमती से पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हाल ही में यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार ने राजस्थान का दौरा किया था और प्रदेश के करीब 235 सांसद-विधायकों से समर्थन की अपील की थी जिसके बाद आज एनडीए के रामनाथ कोविंद राजधानी जयपुर आए है। भाजपा प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के साथ केंद्रीय मंत्री वैंकया नायडू भी जयपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री राजे ने देश के भावी राष्ट्रपति को जयपुर हवाई अड्डे पर लेने पहुंची जिसके बाद सभी विधायकों और सांसदों के साथ 8 मुख्यमंत्री निवास पर कोविंद ने मुलाकात की ।

देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाएंगे कोविंद

8 सिविल लाइंस पर मंत्री, सांसद और विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद वंचितों के हितों की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का पूरा विश्वास है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर आसीन होकर कोविंद देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचाएंगे। मुख्यमंत्री राजे ने कोविंद को राजस्थान की ओर से विश्वास दिलाते हुए कहा कि उन्हे प्रदेश की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा।

तरक्की के नए आयाम स्थापित करेगा देश

मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि कोविंद के सार्वजनिक जीवन की उपलब्धियों को उनकी उम्मीदवारी का आधार बनाया है। उन्होंने जीवनभर कमजोर वर्गों में शिक्षा के प्रसार के लिए बहुत काम किया है। उन्होने कहा कि जब वे देश के राष्ट्रपति बनेंगे तो उनके नेतृत्व में निश्चित रूप से देश तरक्की के नये आयाम स्थापित करेगा।

राष्ट्रपति पद की गरिमा पर खरा उतरूंगा – रामनाथ कोविंद

मंत्री, सांसद और विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि देश में राष्ट्रपति का पद सबसे अधिक गरिमामय होता है। इस पद को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तियों ने सुशोभित किया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे राष्ट्रपति चुने जाने पर भारत के संविधान के अनुसार कार्य करते हुए इस पद के मापदण्डों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होने कहा कि बिहार में मैंने राज्यपाल के तौर पर उस पद की गरिमा को कभी आंच नहीं आने दी। कोविंद ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि देश एवं सभी प्रदेशों का सर्वांगीण विकास, सभी धर्मों एवं वर्गों के लोगों के साथ न्यायपूर्ण एवं समान व्यवहार, आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देना और देश के युवाओं की आकांक्षाओं एवं आशाओं की पूर्ति करने पर उनका विशेष ध्यान रहेगा।