राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में सोमवार से 29वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 2018 की शुरूआत हुई। देश में 23 अप्रेल से 30 अप्रेल तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा। इसी क्रम में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर में सूचना केन्द्र से राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह रैली को हरी झण्डी दिखाकर किया। जिला प्रशासन, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, सार्वजनिक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड एवं राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी की ओर से सप्ताह के तहत सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आम सड़क उपयोगकर्ताओं को जागरूक किया गया। जिसमें हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड एवं राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसायटी की मोबाईल वेन के माध्यम से सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा पर कई आम सड़क उपयोगकर्ताओं को जागरूक व प्रेरित करने के लिए वीडियों व ऑडियो सेशन दिखाए गए।
भारत का विश्व में सड़क हादसों में वर्ष 2006 से पहला स्थान चला आ रहा हैं। भारत में लगभग 413 लोग रोजाना सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं।
इसी तरह अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने जवाहर सर्किल पर 29वें सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ किया। साथ ही इस विंटेज कार रैली एवं ड्राइविंग स्कूलों के वाहनों की रैली को शहर में सड़क सुरक्षा का संदेश देने के लिए हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर दुर्घटनाएं दोपहिया वाहनों पर बिना हेलमेट सवारी के कारण होती है। शहरों में फिर भी इस नियम को अपनाया गया है लेकिन गांवों में आज भी हेलमेट पहनने को सुनिश्चित नहीं किया जा सका है। इसी प्रकार दुर्घटना के समय लोग निर्मूल भय से पीडितों की मदद से कतराते हैं।
राजस्थान में प्रतिवर्ष लगभग 10 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं व लगभग 25 हजार लोग घायल होते है। प्रतिदिन सड़क दुर्घटना में मारे जाने वालों की संख्या औसतन 28 है।
आरएसआरटीसी के प्रबन्ध निदेशक कुलदीप रांका ने कहा कि सड़क सुरक्षा के आधारभूत नियमों के बारे में सभी जानकारी रखते हैं लेकिन फिर भी उल्लंघन कर बैठते हैं। इसलिए सड़क सुरक्षा सप्ताह जैसे आयोजन उनके मन में सड़क सुरक्षा की भावना को जगाए रखने में उपयोगी हैं। इस मौके पर नुक्कड़ नाटक ‘फर्क तो पड़ता है’ एवं अन्य नुक्कड़ नाटकों का मंचन कर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया गया।
भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.50 लाख लोग मारे जाते है तथा 5 लाख से ज्यादा घायल होते हैं। देश में सड़क दुर्घटनाओं में 48.06 प्रतिशत युवा है जिनकी आयु 14-35 वर्ष के मध्य हैं।
शपथ से पहले वचन
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाने से पहले परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने स्वयं सड़क सुरक्षा नियमों की पूर्णतः पालना करने का वचन दिया। उन्होने कहा कि वे जब भी गाड़ी चलाएंगे, सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का ध्यान रखेंगे। परिवहन नियमों का उल्लंघन कर रेड लाइट क्रासिंग, गलत दिशा में गाड़ी चलाने, तेज गति से वाहन चलाने जैसे कार्य कभी नहीं करेंगे। उन्होंने उपस्थितों से कहा कि अगर वे स्वयं को ही जिम्मेदार बना लें तो इसे देख कर और लोग भी बदलेंगे। स्वयं सुरक्षित रहेंगे औरों को सुरक्षित रख पाएंगे। इसके बाद अग्रवाल ने सभी को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाई।