मुख्यमंत्री जन आवास योजना में निजी बिल्डर अब फ्लैट्स की कीमत मनमानी नहीं रख सकेंगे। भले ही फ्लैट किसी पॉश इलाके या शहर के बीच ही क्यों नहीं हो। फ्लैट्स की कीमत 2 हजार या 2200 रु. प्रति वर्गफीट से अधिक नहीं होगी। दरअसल, सरकार के पास शिकायतें पहुंच रही थी कि बिल्डर 2500 और 3000 रुपए प्रति वर्गफीट की दरें रख रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार कीमतों की उच्च सीमा को लेकर राइडर लगाने जा रही है।
एक सप्ताह में लागू होगा यह बिल
इसकी पालना करना हर बिल्डर और स्कीम लाने वाले व्यक्ति को करनी होगी। यूडीएच द्वारा फ्लैट्स की अधिकतम कीमत तय करने संबंधी फाइल मंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजी जा रही है। एक सप्ताह में इसे लागू करने की तैयारी है। यूडीएच के एसीएस मुकेश शर्मा ने कहा कि सीएम जन आवास योजना में कोई भी बिल्डर मनमानी रेट पर फ्लैट नहीं बेच सकता। प्रोजेक्ट चाहे कहीं हो, 2000 या 2200 रु. प्रतिवर्ग फीट अधिकतम दर ही ले पाएंगे।
जमीन की रिजर्व प्राइज या डीएलसी रेट के आधार करेंगे दरों की परीक्षण
सरकार की यह भी तैयारी है कि चाहे सी स्कीम में फ्लैट बनाए जाएं या बस्सी के पास बनाए जाएं, जिस स्थान पर सीएम जन आवास योजना का प्रोजेक्ट लाया जाएगा, वहां की रिजर्व प्राइज या डीएलसी दर को देखते हुए बिल्डर की कीमत को नियंत्रित किया जाएगा। पॉश इलाकों में 2000 रुपए प्रति वर्गफीट से शुरुआत की जाएगी। जितना दूर प्रोजेक्ट होगा, उतनी की कम दर रखनी पड़ेगी।
सरकारी जमीन के फ्लैट्स की कीमतें 1200 रुपए प्रति वर्गफीट
सीएम जन आवास योजना में सरकारी जमीन पर कोई बिल्डर फ्लैट तैयार करता है तो उसकी दरें 1200 रुपए प्रति वर्गफीट ली जाएगी। इसकी वास्तविक दरें 1050 रुपए प्रति वर्गफीट थी। अब उच्चतम सीमा 1200 रुपए प्रति वर्गफीट रखी गई है। लेकिन निजी जमीन पर यदि कोई बिल्डर सीएम जन आवास योजना के फ्लैट्स बनाता है तो उसकी जमीन की लागत के साथ निर्माण की लागत भी आने से ऐसे प्रोजेक्ट्स की कीमत 2 हजार या 2200 रुपए से अधिक नहीं रखने की सीमा तय की जा रही है।
गौरतलब है कि ईडब्लूएस के फ्लैट्स का आकार 450 वर्गफीट तक और एलआईजी के फ्लैट्स का आकार 600 से 750 वर्गफीट तक रखा जा सकेगा। इसमें प्रत्येक फ्लैट पर सीएम जन आवास योजना के तहत डेढ़-डेढ़ लाख रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलते हैं।
साभार- दैनिक भास्कर