राजस्थान की गौरवमयी संस्कृति और परंपराओं का परिचायक माउंट आबू शीत महोत्सव
प्रदेश के एक मात्र हिल स्टेशन में शीतकालीन महोत्सव का आगाज हो गया है। शुक्रवार शाम नक्की झील पर दीपदान समारोह से ही इस पर्व की औपचारिक शुरुआत हो गई है। आज सुबह माउंट आबू विंटर फेस्टिवल की अधिकारिक तौर पर उदघाटन किया जाएगा और कई तरह के रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। ऐडवेंचर गेम्स जैसे बोट रेंस आदि भी आकर्षण का केंद्र होंगे। बता दें, माउंट आबू विंटर फेस्टिवल राजस्थान का पहला एकमात्र उत्सव है जहां क्रिकेट भी खेला जाता है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम और तमिलनाडु के नगरपालिका बोर्ड के संयुक्त संयोजन में आयोजित दो दिवसीय इस रंगारंग उत्सव में राज्य के हर कोने से हजारों की संख्या में शिल्पकार और कलाकार आज यहां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
काईट कॉम्पिटिशन के साथ लोक नृत्य का न भूलने वाला मंजर
असल में माउंट आबू विंटर फेस्टिवल राजस्थान की गौरवमयी संस्कृति और परंपराओं का परिचायक है। साथ ही यह प्रदेश की जीवंत संस्कृति, हस्तशिल्प वैभव और स्वादिष्ट व्यंजनों का दुर्लभ संगम भी है। माउंट आबू फेस्टिवल एक भव्य शोभायात्रा पर्व के आगाज का प्रतीक है। यह उत्सव अपनी रोचक और रोमांचक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। पतंग उड़ाना एवं नौकायान प्रतियोगिताओं के साथ कविता सेशन आकर्षण के केंद्र बनेगा। हजारों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक इस शीत महोत्सव के साक्षी बनेंगे। अगले दो दिनों तक राजस्थान सहित गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब के फोक आर्टिस्ट धाप, घेर, घूमर और कालबेलियां जैसे नृत्यों का प्रदर्शन कर एक अमीट छाप बिखेरते प्रतीत होते हैं। 30 दिसम्बर की देर रात आतिशबाजी के शानदार प्रदर्शन के साथ यह उत्सव सम्पन्न होता है।
इन स्थानों का भी लुफ्त उठाएं
दक्षिणी राजस्थान के सिरोही जिले में गुजरात की सीमा से सटा और अरावली की पहाड़ियों पर बसे इस ‘हिल स्टेशन’ की सुंदरता देखते ही बनती है। देलवाड़ा का जैन मंदिर, अधर देवी का मंदिर, रघुनाथ मंदिर, अचलगढ़ फोर्ट, गुरु शिखर, नक्की झील एवं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सहित कई स्थान यहां घूमने के लिए मौजूद हैं। नक्की झील से कुछ ही दूरी पर बहुत लोकप्रिय सनसेट पॉइंट है। अगर आप माउंट आबू आए और सनसेट पॉइंट नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। सनसेट प्वांइट से डूबते हुए सूरज का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। दूर-दूर से पर्यटक इस नजारे को देखने के लिए आते हैं।
कैसे पहुंचे माउंट आबू
अगर आप भी माउंट आबू विंटर फेस्टिवल की रंगारंग झलकियां देखने से अपने आपको रोक नहीं पा रहे हैं तो देर मत कीजिए क्योंकि अब नहीं तो इसके लिए आपको अगले साल का इंतजार करना होगा। अगर इंतजार नहीं नहीं करना चाहते तो फिर तैयार हो जाइए। माउंट आबू का सबसे नजदीकी उदयपुर हवाई अड्डा है और यह 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली या प्रदेश की राजधानी जयपुर से सीधे विमान सेवा उपलब्ध है। उदयपुर से माउंट आबू पहुंचने के लिए बस या टैक्सी की सेवा ली जा सकती हैं। समीपस्थ रेलवे स्टेशन आबू रोड २८ किलोमीटर की दूरी पर है जो अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर और जोधपुर से जुड़ा है। बस सेवा एक अच्छा एवं सस्ता विकल्प है। प्राइवेट टैक्सी का विकल्प भी बुरा विचार नहीं है।