राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी पर बसा माउंट आबू अपने नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां का माउंट आबू विंटर फेस्टिवल प्रदेश में पॉपुलर है। हर साल की तरह माउंट आबू विंटर फेस्टिवल 2017 आज से यहां शुरू हो रहा है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम और तमिलनाडु के नगरपालिका बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह दो दिवसीय महोत्सव राजस्थानी संस्कृति के साथ पड़ौसी राज्यों की संस्कृति का एक मिला जुला और रंगीन महोत्सव है। 29 दिसम्बर से शुरू हुआ यह महोत्सव 30 दिसम्बर तक चलेगा। माउंट आबू विंटर फेस्टिवल पहाड़ी क्षेत्रों की विभिन्न संस्कृतियों का एक मिलाजुला रूप है। दो दिवसीय इस आयोजन में कई तरह के सांस्कृतिक आयोजन आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आदिवासी नृत्य, गीत-संगीत, शास्त्रीय नृत्य के साथ कई तरह की स्पोर्ट्स प्रतियोगिताएं शामिल हैं। रोइंग प्रतियोगिताओं के लिए मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच त्यौहार की जश्न की भावना को जोड़ते हैं।
राजस्थान की सीमाओं से लगते गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब के लोक कलाकार माउंट आबू विंटर फेस्टिवल में अपनी सांस्कृतिक कलाओं का प्रदर्शन करते नजर आएंगे। यहां सूफी कथक के शास्त्रीय नृत्य और विभिन्न शैलियों में दफ़, गियर, घूमर और कालबेलिया जैसे नृत्य पर्यटकों को खास तौर पर आकर्षित करते हैं। हॉट एयर बलून, पतंग उड़ाने और परम्परागत गिल्ली डंडा जैसी एक्टिविटीज यहां खिलाड़ियों के साथ-साथ पर्यटकों में भी जोश भर देती हैं। महोत्सव में कविता पठन, शास्त्रीय एवं लोक संगीत का भव्य आयोजन भी देखने योग्य है।
शाम के समय में दीपदान फेस्टिवल मनाया जाता है। यह आयोजन यहां की नक्की झील पर होता है जिसमें झील के बीचों बीच दीप जलाकर रोशनी की जाती है। यह एक अदभूत नजारा है जिसे स्थानीय लोगों द्वारा बड़े जोश एवं श्रृदा के साथ किया जाता है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा आयोजित एक रंगीन जुलूस के साथ यह फेस्ट शुरू होता है जिसमें बड़ी तादात में स्थानीय लोग शामिल होते हैं। शनिवार को दीपदान के साथ ही माउंट आबू विंटर फेस्टिवल 2017 का समापन किया जाएगा।
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