अप्रैल की तपती गर्मी के बीच अगर प्रकृति की गोद और पहाड़ों की चोटी पर बसे प्राकृतिक सौंदर्य और पानी की ठंडक के बची सांस्कृतिक आयोजन से रूबरू होना चाहते हैं तो यही मौका है माउंट आबू समर फेस्टिवल में हिस्सा लेने का। हर साल बुद्धि पूर्णिमा के मौके पर राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू में समर फेस्टिवल का आयोजन होता है। यह महोत्सव राजस्थान के सबसे मशहूर फेस्टिवल्स में से एक माना जाता है। माउंट आबू समर फेस्टिवल-2018 बुद्ध पूर्णिमा यानि कल (रविवार) से शुरू हो रहा है।
आपको बता दें कि राजस्थान की तपती घरती में इकलौता ठंडा ठिकाना माउंट आबू ही है। माउंट आबू में खड़ी ढाल वाले पहाड़, शांत और स्थिर झील, जिधर नजर उठाओ उधर ही प्रकृति से भरपूर मनोरम दृश्य और यहां का अनुकूल मौसम गर्मी के लिहाज से परफेक्ट स्पॉट बनाता है।
दो दिवसीय उत्सव का समापन 30 अप्रैल को होगा। यह समर फेस्टिवल माउंट आबू के लोगों के जोश, उमंग, उत्साह, रंगीन जीवन और जिंदादिल व्यवहार का प्रतीक है। अगर आप भी इस स्पेशल फेस्टिवल का हिस्सा बनने जा रहे हैं तो यहां के लोगों की मेहमाननवाजी, उत्साह से भरपूर तहजीब और आकर्षक लोकेशन आपके एक्सपीरियंस को यादगार बना देंगे। इस फेस्टिवल के जरिए आप राजस्थान के ट्राइबल लोगों की लाइफ और कल्चर को बेहद करीब से समझ सकते हैं।
इस तरह होगी कार्यक्रमों की शुरूआत
- माउंट आबू समर फेस्टिवल की शुरुआत 29 अप्रैल की सुबह प्रेम गीत और पारंपरिक जुलूस निकालकर होती है जिसमें राजस्थानी और गुजराती लोकनृत्य और लोकसंगीत का समागम होता है।
- इसके बाद जैसे-जैसे चढ़ता है, लोकनृत्य, लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत, राजस्थान के आर्ट ऐंड क्राफ्ट जैसे कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
- घोड़ों की रेस, नक्की झील में बोट रेस, मटका रेस, रस्साकशी, स्केटिंग रेस और बैंड शो जैसे कई इवेंट यहां आपका मन जीत लेंगे। यह सभी कार्यक्रम दो दिन तक चलते हैं।
- यहां शाम को होने वाला खास व प्रमुख कार्यक्रम शाम-ए-कव्वाली अगर आपने मिस कर दी तो आपका पूरा मजा खराब हो जाएगा। इस कव्वाली में कई मशहूर कव्वाली गायक शामिल होते हैं और शाम को रंगीन बनाते हैं।
- फेस्टिवल के आखिर में जबरदस्त आतिशबाजी होती है और इसके साथ ही दो दिवसीय माउंट आबू समर फेस्टिवल का समापन हो जाता है।
यह स्थल भी हैं देखने लायक
अगर आप माउंट आबू समर फेस्टिवल देखने जा रहे हैं तो आसपास मौजूद इन खास जगहों को देखना न भूलें।
- सनसेट पॉइंट
- माउंट आबू वाइल्ड लाइफ सैंक्च्युरी
- अचलगढ़ किला
- विमला वाशी मंदिर
- लूना वाशी मंदिर
- अधर देवी मंदिर
कैसे पहुंचें …
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी जयपुर से माउंट आबू के लिए सीधी बस सेवा है। सरकारी और प्राइवेट कोच भी उपलब्ध है। अगर ट्रेन से सफर करना चाह रहे हैं तो आबू तक के लिए यह मूमकिन है। आगे का 25-30 किमी का सफर बस से तय करना होगा क्योंकि पहाड़ी की चोटी पर आपको जाना है। अगर हवाई सेवा लेना चाह रहे हैं तो उदयपुर एयरपोर्ट नजदीकी हवाई अड्डा है जो यहां से 175 किमी दूर है। बाकी सफर के लिए प्राइवेट टैक्सी या बस ली जा सकती है।
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