मिशन चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर शनिवार सुबह 1:55 पर चांद की सतह पर कदम रखेगा। देश-दुनिया के लोग इस ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का गवाह बनने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के उतरने का सीधा नजारा देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 60 हाईस्कूल विद्यार्थियों के साथ बेंगलुरु स्थित इसरो केंद्र में मौजूद रहेंगे। विक्रम लैंडर की यह सॉफ्ट लैंडिंग अगर कामयाब रहती है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश भी बन जाएगा।
मिशन चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग के सफल चांस केवल 37 फ़ीसदी
विक्रम लैंडर शनिवार तड़के एक से दो बजे के बीच चांद पर उतरने के लिए नीचे की ओर चलना शुरू करेगा और रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच यह पृथ्वी के उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा। वहीं इसरो के अनुसार अब तक चांद पर भेजे गए मिशन में सॉफ्ट लैंडिंग के चांस केवल 37 फ़ीसदी ही सफल हुए हैं। हालांकि बावजूद इसके इसरो पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा है कि यह मिशन सफल होगा।
एक साल होगा ऑर्बिटर का जीवनकाल
चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद विक्रम के भीतर से रोवर प्रज्ञान 7 सितंबर की सुबह साढ़े पांच बजे से साढ़े छह के बीच बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि (धरती के 14 दिन के बराबर) तक चंद्रमा की सतह पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। मिशन चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है और यह लगातार चंद्रमा की परिक्रमा कर धरती पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों को संबंधित जानकारी भेजता रहेगा।
पीएम के साथ देश कर स्टूडेंट्स भी देखेंगे मिशन चंद्रयान-2 की सफ़लता
जब मिशन चंद्रयान-2 का विक्रम चांद की सतह पर चहलकदमी के लिए उतरेगा 5ओ इसका लाइव कवरेज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देखेंगे और उनके साथ देश के चुनिंदा विद्यार्थी भी होंगे जो एक ख़ास प्रतियोगिता के तहत चुने गए थे। इसके साथ ही कई टीवी चैनल भी इस ऐतिहासिक पल का लाइव टेलीकास्ट कर सकते है।ऐसे में भारत की जनता के साथ साथ पूरी दुनिया को भी उस पल का इंतजार रहेगा।