राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के बारे में पूर्वानुमान लगाने तथा समय पर अलर्ट जारी करने के लिए केन्द्र सरकार के मौसम विज्ञान विभाग को राडार प्रणाली और अधिक सुदृढ़ करने के लिए आग्रह करें, ताकि ऐसी आपदाओं की सूचना और चेतावनी मिलने में जरा भी देरी ना हो। सीएम राजे मुख्यमंत्री निवास, 13 सिविल लाइंस पर प्रदेश में 2 मई को आए आंधी-तूफान से प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। इस उच्चस्तरीय बैठक से एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों का दौरा कर तूफान से जान-माल की हानि का जायजा लिया था एवं मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी।
बिजली तथा पीने के पानी की आपूर्ति सामान्य करने के दिए निर्देश
बैठक में सीएम राजे ने भरतपुर, धौलपुर, अलवर और झुंझुनूं जिलों के तूफान प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द बिजली तथा पीने के पानी की आपूर्ति सामान्य करने के निर्देश भी दिए। इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव हेमंत गेरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बता दें कि 2 मई को आए आंधी-तूफान ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई थी। इसका सर्वाधिक असर प्रदेश के अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिले में रहा। यहां इस आंधी-तूफान ने कई लोगों की जिंदगी लील ली। इसके बाद सीएम राजे ने भरतपुर और धौलपुर में आंधी-तूफान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने सरकारी सहायता राशि के अलावा व्यक्तिगत रूप से 5 लाख रुपए देने की भी घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा था कि इस प्राकृतिक आपदा से पीड़ित परिवारों के साथ सरकार ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश खड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी हरसंभव सहायता करेगी।
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