जयपुर। जयपुर, जाेधपुर और काेटा के 6 नगर निगमों में मेयर पद पर चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है। पार्षद सुबह 10 बजे से दाेपहर 2 बजे तक मतदान करेंगे। इसके बाद मतगणना होगी। इसी के साथ निगमों को बोर्ड भी तय हो जाएगा। तीनों शहरों में बीजेपी-कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। इन तीनों शहरों में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। कुल छह निगमों में से कांग्रेस और बीजेपी को 2-2 निगमों में स्पष्ट बहुमत मिला हुआ है। लड़ाई जयपुर हेरिटेज और कोटा दक्षिण नगर निगम में मेयर पद की है। मतदान के बाद तत्काल बाद चुनाव परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे।
पहली बार 5 महिला मेयर मिलेंगी
जयपुर हेरिटेज से कुसुम यादव बीजेपी बनाम मुनेश गुर्जर कांग्रेस, जयपुर ग्रेटर से सौम्या गुर्जर बीजेपी बनाम दिव्या सिंह कांग्रेस, जोधपुर उत्तर संगीता सोलंगी बीजेपी बनाम कुंति परिहार कांग्रेस, जोधुपर दक्षिण वनिता सेठ बीजेपी बनाम पूजा पारिक कांग्रेस, कोटा उत्तर से संतोष बेरवा बीजेपी बनाम मंजू मेहरा कांग्रेस, कोटा दक्षिण विवेक राजवंशी बीजेपी बनाम राजीव अग्रवाल की किस्तम का फैसला आज होगा।
निर्दलीयों की भूमिका अहम
जयपुर ग्रेटर और जोधपुर दक्षिण में भाजपा जबकि कोटा उत्तर और जोधपुर उत्तर में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत है। वहीं जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस आगे है। वहीं कोटा दक्षिण में भाजपा और कांग्रेस को बराबर सीटें मिली हुई हैं। इन दो निगमों में निर्दलीयों की भूमिका अहम है। यही नहीं दोनों पार्टियों ने वहां भी प्रत्याशी उतारे हैं, जहां पार्टी को बहुमत नहीं है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग का भी खतरा है। मेयर चुनाव के बाद 11 नवंबर को डिप्टी मेयर का चुनाव भी होगा।
यह है दोनों वार्डों की स्थिति
जयपुर हरिटेज के कुल 100 वार्डों में से 47 वार्डों की जीत के साथ कांग्रेस का पलड़ा भारी है। इस निगम में बीजेपी के पास 42 वार्ड हैं। वहीं कोटा दक्षिण के 80 वार्डों में से बीजेपी और कांग्रेस के पास 36-36 वार्ड हैं। यहां आठ निर्दलीयों की भूमिका बेहद अहम है। इन दोनों ही निगमों में बीजेपी-कांग्रेस निर्दलीयों के समर्थन का दावा कर रही है। इसके लिये दोनों पार्टियां पूरा जोर लगा रही है। आज दोपहर बाद इनकी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।
क्रॉस वोटिंग बिगाड़ सकता है ‘गणित’
कांग्रेस-भाजपा ने वैसे तो अपनी रणनीति को अंजाम देते हुए अपनी पार्टी का मेयर बनाए जाने को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। लेकिन दोनों को ही क्रॉस वोटिंग का खतरा सताया हुआ है। दरअसल, दोनों ही दलों के अन्दरखाने मेयर प्रत्याशी को लेकर नाराजगी भी देखी गई है। ऐसे में आखिरी समय में कौन ‘बागी’ होकर क्रॉस वोटिंग करके गणित बिगाड़ दे इसका कहीं ना कहीं डर बना हुआ है। खासतौर से निर्दलीयों को लेकर क्रॉस वोटिंग की आशंका ज़्यादा मानी जा रही है।